श्राद्ध के दिनों में पिंडदान करने के लिए सबसे उचित स्थान

Kavita Singh Rathore

पिंडदान करने के लिए सबसे उचित जगह बिहार का बोधगया माना जाता है। गया में लगभग 48 स्थान ऐसे माने गए है। जहां पिंडदान किया जाता है। गया में महाबोधि मंदिर, ब्रह्मयोनी हिल और अन्य संबंधित स्थल भी आपको आकर्षित करते हैं।

बोधगया | Mohhamad Asim - RE

गंगा के तट पर बसा हरिद्वार, भारत के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। पुराणों के अनुसार, यहां जब किसी का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो उसकी आत्मा स्वर्ग पधारती है। हरिद्वार के नारायणी शिला पर तर्पण करने से पितरों को मोक्ष प्राप्ति होती है।

हरिद्वार | Mohhamad Asim - RE

मथुरा शहर एक पवित्र तीर्थ शहर है और पिंड दान समारोहों के लिए पसंदीदा स्थानों में से एक भी है। यमुना नदी के तट पर स्थित बोधिनी तीर्थ, विश्रंती तीर्थ और वायु तीर्थ पर पिंडदान से जुड़े रीती रिवाज किये जाते है। चावल में मिक्स गेहूं के आटे से बने गोले, शहद और दूध के साथ पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रसाद के रूप में तैयार किए जाते हैं ।

मथुरा | Mohhamad Asim - RE

मध्य प्रदेश में उज्जैन भी पिंड दान समारोहों के लिए अच्छा स्थान है। पिंडदान शिप्रा नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। पिंडदान के बाद उज्जैन में कालिदास अकैडमी, भर्तृहरि गुफाएं, ओंकारेश्वर, बसवारा सहित आसपास के स्थलों की भी यात्रा करने के लिए जाते हैं।

उज्जैन | Mohhamad Asim - RE

गंगा-यमुना-सरस्वती नदियों के संगम पर प्रयागराज में गंगा जमुना जल में स्नान करने मात्र से पाप धुल जाते हैं और आत्मा जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाती है। प्रयागराज पर्यटकों के घूमने के लिए भी बेहद अच्छी जगह है।

प्रयागराज | Mohhamad Asim - RE

राम जन्मभूमि भी पिंड दान समारोहों के लिए सबसे अच्छे स्थलों में से एक है। सरयू नदी के तट पर भात कुंड है जहां लोग ब्राह्मण पुजारी की अध्यक्षता में अनुष्ठान करने के अपने दायित्व को पूरा करते हैं। एक प्रथा के रूप में, लोग अपने पूर्वजों के लिए हवन भी करवाते हैं।

अयोध्या | Mohhamad Asim - RE

वाराणसी भारत की सबसे पवित्र गंगा और अन्य नदियों के तट पर स्थित है जो शीर्ष तीर्थ स्थानों में से एक माना जाता है। गंगा नदी के तट पर मृत पूर्वजों के लिए हवन और अन्य अनुष्ठान भी कराए जाते है। काशी विश्वनाथ मंदिर और शहर के अन्य संबंधित मंदिरों में जाकर लोग दर्शन करना बेहद पसंद करते हैं।

वाराणसी

काशी में गंगा नदी के तट पर भी जाकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया जा सकता हैं। इस स्थान का भी उतना ही महत्त्व है, जितना अन्य स्थानों का है। अगर मान्यता के अनुसार देखें तो, यदि हम गंगा नदी के किनारे पिंडदान करते है, तो हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।

काशी | Mohhamad Asim - RE

ये पिता-पूत्र खेल चुके है वर्ल्ड कप

ये पिता-पूत्र खेल चुके है वर्ल्ड कप | Mohmmad Asim - RE