यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल है भीमबेटका

Himanshu Singh

भीमबेटका मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 42 किलोमीटर दूर रायसेन जिले में स्थित है। जिसका संबंध महाभारत से भी बताया जाता है। भीमबेटका मध्य भारत के पठार के दक्षिणी किनारे पर स्थित विन्ध्याचल की पहाड़ियों के निचले छोर पर हैं।

भीमबेटका की दूरी | Zeeshan Mohd

भीमबेटका को रॉक शेल्टर के नाम से भी जाना जाता है। इसकी खोज डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने 1957 में खोज की थी। साल 2003 में यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल किया था।

भीमबेटका की खोज | Zeeshan Mohd

ये बस्ती रातापानी वन्यजीव सेंचुरी के अंदर विंध्य रेंज की चट्टानों में स्थित है। जानकार बताते हैं कि आदिवासी यहां कई किलोमीटर दूर तक घूमते रहते थे और चट्टानों पर शैलचित्र बनाते थे।

विंध्य चट्टानों पर शैलचित्र | Zeeshan Mohd

इस जगह को भीमबेटका कहने की वजह ये है कि यहां पांडवों अज्ञातवास पर आए थे था। पांडवों में सबसे भारी भीम थे, इसलिए इस जगह को भीमबेटका कहा जाने लगा।

पांडवों का अज्ञातवास | Zeeshan Mohd

टर्टल रॉक कोई गुफा और पेंटिंग नहीं है। यह कछुए की आकार की प्राकृतिक चट्टान है। ऊंचाई से, दूर तक जंगली घाटियों, बेतवा नदी के मैदानों और भोजपुर का मनमोहक दृश्य दिखता है।

टर्टल रॉक | Zeeshan Mohd

ज़ू रॉक की चट्टान की एक अर्ध-गोलाकार गैलरी में हाथी, हिरण और भालू सहित 16 प्रजातियों के 252 जानवरों को देखा जा सकता है।

ज़ू रॉक | Zeeshan Mohd

बोअर रॉक कैनवास पेंटिंग पर आधारित है, और उस पर विशाल अनुपात का एक डरावना प्राणी चित्रित है।

बोअर रॉक चट्टान | Zeeshan Mohd

भीमबेटका की पहाड़ी पर लगभग 700 से ज्यादा रॉक शेल्टर मिले थे। जो लगभग 9 से 10 किलोमीटर के इलाके में फैले हुए हैं।

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700 रॉक शेल्टर | Zeeshan Mohd