संजीव कुमार इकलौते ऐसे एक्टर हैं। जिनकी निधन के बाद 1 नहीं 2 नहीं बल्कि 10 फिल्में रिलीज हुई थीं। उनकी मृत्यु 1985 में हुई और उसके बाद उनकी आखिरी फिल्म 'प्रोफेसर की पड़ोसन' 1993 में रिलीज हुई। जबकि इससे पहले 'कातिल' (1986), 'हाथों की लकीरें' (1986), 'बात बन जाए' (1986), 'कांच की दीवार' (1986), 'लव एंड गॉड' (1986), 'राही' (1986), 'दो वक्त की रोटी' (1988), 'नामुमकिन' (1988), 'ऊंच नीच बीच (1989) भी रिलीज हुई थीं।
संजीव कुमार | Raj Express