Shreya N
स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत से ही इंदौर लगातार भारत के सबसे साफ शहर का खिताब जीतता आ रहा है। इसकी वजह यहां के सार्वजनिक स्थलों में लगातार होती सफाई का प्लान, वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, कचरा निपटारे की प्रणाली और लोगों की जागरूकता है।
सूरत भी लगातार भारत के स्वच्छता सर्वेक्षण में सफल होते आया है। गुजरात के सूरत का सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम और अंडर ग्राउंड मैनेजमेंट सिस्टम बहुत प्रभावशाली है। साथ ही यहां के लोगों में भी स्वच्छता के लिए काफी जागरूकता देखने को मिली है।
नवी मुंबई महाराष्ट्र का सबसे और भारत का तीसरा सबसे साफ शहर है। रोज शहर की सफाई के लिए बनाया गया सिस्टम, यहां बहुत प्रभावशाली है। नवी मुंबई में रोज नियमित रूप से कूड़ेदान में से कचरा जमा किया जाता है। इसके बाद कचरे के निपटारे का काम भी बहुत प्रभावी रहा है।
विशाखापट्टनम दक्षिण भारत का सबसे साफ शहर है। इसने एक साल के भीतर अपनी स्वच्छता रैंकिंग 9वें स्थान से चौथे स्थान तक पहुंचाई है। यह शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में 5 सितारा रेटिंग पाने वाला शहर है।
आंध्र प्रदेश का विजयवाड़ा भी भारत के सबसे साफ शहरों में शामिल है। विजयवाड़ा में गीले, सूखे और खतरनाक कचरे का अलग-अलग अच्छे से निपटारा करने की प्रणाली बहुत असरदार है। साथ ही यहां कचरे के रिसायकल पर भी जोर दिया जाता है।
इंदौर के बाद भोपाल मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे साफ शहर है। भोपाल शहर वेस्ट से वेल्थ (waste to wealth) की स्कीम पर काम करता है। भोपाल शहर रीयूज, रिड्यूस और रीसायकल के विचार से स्वच्छ सर्वेक्षण में भारत के सबसे साफ शहरों की सूची में शामिल हुआ है।
तिरुपती अब सिर्फ एक तीर्थ स्थल के तौर पर नहीं, बल्कि स्वच्छता के लिए भी जाना जाता है। यहां हर रोज 50 हजार से 1 लाख पर्यटक आते हैं। इसके बाद भी तिरुपती शहर ने अपनी स्वच्छता को बनाए रखा है।
मैसूर शहर कर्नाटक का सबसे साफ शहर है। स्वच्छता सर्वेक्षण में इसने 8वां स्थान पाया है। इसलिए अगर आप कर्नाटक घूमने जा रहे हैं, तो यहां का सबसे खूबसूरत और स्वच्छ शहर मैसूर जरूर जाएं।
भारत की राजधानी दिल्ली भले ही यहां के लोगों को साफ हवा नहीं दे पाती, पर शहर की स्वच्छता के मामले में यह देश की साख जरूर बनाए रखती है। नई दिल्ली का कचरे के निपटारे और वेस्ट मैनेजमेंट का प्लान खूब सफल रहा है।
शुद्ध हवा देते है ये शहर