इतनी तरह की रंगोलियों से सजा सकते हैं घर

Shreya N

रंगोली बनाने की यह पद्धति उत्तर प्रदेश से आती है। इस रंगोली में समान दूरी पर कुछ बिंदु बनाए जाते हैं। फिर उन बिंदुओं को विशिष्ट ढंग से जोड़ा जाता है। ये रंगोली बनाने के लिए, सफेद बिंदुओं का समान दूरी और विशिष्ट स्थानों पर होना आवश्यक है। सभी बिंदुओं को जोड़ने के बाद, खाली स्थानों पर रंग भरकर, यह रंगोली पूरी होती है।

चौक पुराण | Syed Dabeer Hussain - RE

संस्कार भारती रंगोली का मूल महाराष्ट्र से है। इस प्रकार की रंगोली में, सफेद रंग से एक के अंदर एक गोले बनाए जाते हैं। फिर उन गोलों में दूसरे रंग भरे जाते हैं। उसके बाद उन रंगों पर, फिर से सफेद रंग से सुंदर आकार बनाए जाते हैं। यह आकार फ्री स्टाइल में बनते हैं। यहीं रंगोली के मुख्य आकर्षण होते हैं।

संस्कार भारती | Syed Dabeer Hussain - RE

तमिलनाडु की रंगोली कला को कोलम कहा जाता है। पहले काल में इसे बनाने के लिए, मुख्य रूप से चावल के आटे का इस्तेमाल होता था। अब यह बाजार में बिकने वाले रंगों से ही बना ली जाती है। इस तरह की रंगोली में सफेद रंग या चॉक का इस्तेमाल मुख्य होता है। बीच-बीच में अन्य रंगों का इस्तेमाल करके, इसे और आकर्षक बनाया जाता है।

कोलम रंगोली | Syed Dabeer Hussain - RE

अगर आप इस दिवाली, एक अनोखी रंगोली बनाना चाहते हैं, तो पानी में रंगोली बना सकते हैं। इसके लिए, आपको पहले एक बड़ी थाली में थोड़ा तेल लगाना होगा। इसके बाद थाली में अपने मनपसंद आकार बनाएं और रंग भर दें। जब रंगोली पूरी हो जाए, तो इसमें धीरे-धीरे पानी डाले। तेल के कारण रंगोली फैलेगी नहीं और एक ही जगह पर टिकी रहेगी।

पानी में रंगोली  | Syed Dabeer Hussain - RE

इन दिनों फूलों से रंगोली बनाना काफी प्रचलन में है। मुख्यतः इस रंगोली का मूल दक्षिण भारत से है। आप विभिन्न रंगों के गेंदों और गुलाबों की पंखुड़ी व आम के पत्तों का इस्तेमाल कर फूलों की सुंदर रंगोली बना सकते हैं। इसे किसी भी आकृति में बनाया जा सकता है।

फूलों की रंगोली | Syed Dabeer Hussain - RE

यह रंगोली कोई विशिष्ट ढांचें का पालन नहीं करती है। इसमें किसी भी प्रकार के रंगों से चित्र बनाया जा सकता है। यह रंगोली डालने की सबसे आसान पद्धति है। आप इसमें कोई भी फूल, पक्षी, दृश्य आदि बना सकते हैं।

फ्री हैंड रंगोली | Syed Dabeer Hussain - RE

अगर आपको रंगोली बनाना नहीं आता है, तो आप दिवाली में लकड़ी या प्लास्टिक के सांचे खरीदकर, उनसे घर सजा सकते हैं। इन सांचो को सही तरह से जमा कर रखने पर, ये बिलकुल रंगोली के समान ही दिखते हैं। ऐसे सांचे आराम से बाजार में उपलब्ध होते हैं।

सांचो की रंगोली | Syed Dabeer Hussain - RE

यहां की दिवाली होती है बेस्ट

इन जगहों की दिवाली होती है बेस्ट | Syed Dabeer Hussain - RE
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