लता जी के जन्मदिन पर जरूर सुनें उनके ऐवरग्रीन गानें

Shreya N

1964 में आई फिल्म ‘वो कौन थी’ का यह गाना वैसे तो 60 साल पुराना है, पर आज की पीढ़ी में भी इस गाने की दीवानगी देखी जा सकती है। इस गाने की लिरिक्स राजा मेहंदी अली खान ने लिखी थी, वहीं संगीत मदन मोहन ने दिया था।

लग जा गले | Mohammad Asim

90 के दशक की फेमस फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ का यह गाना आज भी प्रेमियों को उतना ही प्रासंगिक लगता है, जितना तब लगता था। इस गाने के जरिये आज भी लता जी की आवाज का जादू चारों और फैलता दिखाई देता है।

तुझे देखा तो (डीडीएलजे) | Mohammad Asim

लता मंगेशकर के गाए इस गाने ने ‘शोर’ फिल्म में अभिनेत्री की भावनाओं का अच्छे से बखान किया था। आज के समय में भी हर प्रेमी इस गाने में लता जी के डाले भावों से वही जुड़ाव महसूस कर पात है, जो तब कर पाता था।

एक प्यार का नगमा है (शोर) | Mohammad Asim

2004 में आई फिल्म ‘वीर-ज़ारा’ जितनी सदाबहार है, उतने ही इसके गाने भी। ‘तेरे लिये’ गाने में जावेद अख्तर के लिखे शब्दों को लता दीदी ने जिन भावों के साथ पिरोया है, वो आज भी दिलों को छू जाता है।

तेरे लिये (वीर-ज़ारा) | Mohammad Asim

आर.डी. बर्मन के संगीत और लता मंगेशकर के गायन ने इस गाने में 1966 में अपना जादू डाला था। उस जादू का असर आज भी संगीत प्रेमियों में देखने को मिलता है। इसलिए फिल्म ‘गाइड’ का यह गाना सदाबहार है।

पिया तोसे नैना लागे रे (गाइड) | Mohammad Asim

2001 में आई ‘लगान’ का यह भक्ति गीत सदाबहार है। गीत के शब्द और लता जी के भाव आज भी लोगों को इस गाने से जोड़ रहे हैं। इस गाने की जीवंतता कभी खत्म नहीं हो सकती।

ओ पालनहारे (लगान) | Mohammad Asim

1982 में रिकॉर्ड हुए इस गाने को अगर आज के समय की भी कोई दुल्हन सुन लें, तो वह भावुक हो जाए। जिन भावों के साथ लता जी ने यह गाना गाया है, हर सुनने वाला गाने के एक-एक शब्द का भाव महसूस कर पाता है।

ये गलियां ये चौबारा (प्रेम रोग) | Mohammad Asim

लता मंगेशकर और किशोर कुमार की जोड़ी ने फिल्म जगत को कई सुपरहिट और सदाबहार गाने दिये हैं। ‘आ गले लग जा’ फिल्म का ‘वादा करों’ भी उन्हीं में से एक गाना है। 1973 में रिकॉर्ड हुए इस गाने में आज के समय की ताजगी महसूस होती है।

वादा करों (आ गले लग जा) | Mohammad Asim

‘आराधना’ फिल्म का यह गाना साल 1969 में रिकॉर्ड हुआ था, पर आज भी हर मां अपने बच्चें को यह लोरी जरूर सुनाती है। 50 साल से ज्यादा होने के बाद भी यह गाने में मातृत्व के जो भाव है, वह आज की स्त्री को उतने ही प्रासंगिक लगते है जो उस समय थे।

चंदा है तु मेरा सूरज है तु (आराधना) | Mohammad Asim

1960 में बनी ‘मुगल-ए-आज़म’ में लता जी ने यह आइकोनिक गाना गाया था 60 साल से भी ज्यादा पुराना यह गाना आज भी प्रेम भावनाओं को उज्ज्वलित करता है। आज के दौर में भी शायद ही कोई होगा जिसने यह गाना नहीं सुना होगा या इसकी धुन पर गुनगुनाया नहीं होगा।

प्यार किया तो डरना क्या (मुगल-ए-आजम)

मध्यप्रदेश की UNESCO साइट्स

मध्यप्रदेश UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट | Mohammed Asim -RE