Shreya N
भारत के दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी। लंबे समय तक चले आक्रोश और आंदोलन के बाद, यह मद्रास प्रेसिडेंसी से अलग हुआ था। हैदराबाद स्टेट के तेलगु बोलने वाले इलाके का आंध्र स्टेट में विलय करके, एक नए राज्य आंध्र प्रदेश का निर्माण किया गया था।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 (The States Reorganisation Act of 1956) के अंतर्गत, दक्षिण भारत के 4 प्रांतों की स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी। इनमें से वर्तमान के तमिलनाडु का नाम पहले मद्रास स्टेट ही रहने दिया गया था। इसे 1969 में तमिलनाडु कर दिया गया था।
केरल राज्य की स्थापना भी राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत, 1 नवंबर 1956 में ही हुई थी। मालाबार, कोचीन और त्रावणकोर को मिलाकर यह राज्य बना था। इस प्रांत के लोग मुख्यतः मलयालम भाषा बोलते हैं।
मध्य प्रदेश की स्थापना भी राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत ही हुई थी। इस समय मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्यों का विलय हुआ था। वहीं विदर्भ क्षेत्र का विलय बॉम्बे प्रेसिडेंसी में कर दिया गया था।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के तहत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश का ही हिस्सा था। सन 2000 में मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम लाया गया। इसके तहत मध्य प्रदेश से 6 गोंडी और 10 छत्तीसगढ़ी भाषा बोलने वाले राज्यों को मिलाकर, छत्तीसगढ़ राज्य बना। इसकी राजधानी रायपुर को बनाया गया।
राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 के अंतर्गत, 1 नवंबर 1956 को दक्षिण भारत का जो चौथा राज्य बना था, वो था कर्नाटक। यह राज्य मद्रास स्टेट, बॉम्बे प्रेसीडेंसी और हैदराबाद स्टेट के कन्नड़ भाषी जिलों को मिलाकर बनाया गया था। पहले इसका नाम मैसूर रियासत था, जो 1973 में कर्नाटक हुआ।
आज़ादी के बाद पंजाब प्रांत की कई रियासतें भारत में शामिल हो गई थी। 1956 में इन सभी को साथ लाकर पंजाब प्रांत का गठन किया गया। हालांकि पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत, 1 नवंबर 1966 को इस प्रांत को भाषा के आधार पर बांटा गया। पंजाबी भाषा बोलने वाले हिस्से को पंजाब नाम दिया गया।
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत, पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य का निर्माण हुआ। यह पहले के पंजाब प्रांत का वह हिस्सा था, जहां हिंदी भाषा बोली जाती थी।
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