जानिए, कैसे रखे गए भारत के दिल मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों के नाम

Kavita Singh Rathore

आज मध्यप्रदेश की वित्तीय राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में ऐसा माना जाता है कि यहां कभी भगवान इंद्र ने तपस्या की थी। इस मान्यता के चलते शहर का नाम पड़ा इंद्रपुरा। आगे चलकर इसे इंदौर कहा जाने लगा।

इंदौर | Syed Dabeer Hussain - RE

ग्वालियर के नाम के पीछे मान्यता है कि प्राचीन संत ग्वालिपा ने 8वीं सदी में यहां तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने वहां के सरदार को कुष्ठ रोग से ठीक किया था। जिसके बाद सरदार ने संत के नाम पर अपने इलाके का नाम रख दिया- ग्वालियर।

ग्वालियर | Syed Dabeer Hussain - RE

इस शहर में प्राचीन ऋषि जाबालि ने तपस्या की थी। जिसके कारण इस इलाके को जाबालिपुरम कहा जाने लगा। आगे चलकर, यह जाबालिपुरम से बन गया जबलपुर।

जबलपुर | Syed Dabeer Hussain - RE

इस शहर की खोज बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल ने की थी। इसलिए उनके नाम पर शहर का नाम रखा गया छतरपुर।

छतरपुर | Syed Dabeer Hussain - RE

मध्यप्रदेश में मौरेना अपने मोरों के कारण जाना जाता है। इस शहर का नाम भी इसकी इसी विशेषता के कारण पड़ा है। मौरेना में मोर का मतलब है पक्षी मोर और रैना का मतलब है बहुत सारे। ऐसे बहुत सारे मोर वाला शहर बना मौरेना।

मौरेना | Syed Dabeer Hussain - RE

ऐसा माना जाता है कि यह शहर महाभारत में बताए गए खांडव वन से घिरा हुआ है। इसलिए इसका नाम रखा गया खंडवा।

खंडवा | Syed Dabeer Hussain - RE

पहले समय में इस इलाके में छींद के बहुत सारे पेड़ पाए जाते थे। जिसके कारण इस शहर का नाम पड़ा छिंदवाड़ा।

छिंदवाड़ा | Syed Dabeer Hussain - RE

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