सावन के महीने में घर बैठे करें 'भारत के सबसे विशाल शिवलिंगों' के दर्शन

Kavita Singh Rathore

भगवान शिव जी की पूजा शिवलिंग के रूप में भी होती है। भारत के हर राज्य में शिवमंदिर हैं जहां, भगवान शिव शिवलिंग के रूप में भी विराजमान है। इसमें से कुछ ऐसे शिवलिंग जो भारत के सबसे ऊंचे, विशाल और बड़े शिवलिंग में सुमार है। यहां करें उनके दर्शन।

विशाल शिवलिंग | Zeeshan - RE

कोटिलिंगेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग दुनिया का सबसे बड़ा शिव लिंगम मन जाता है। कर्नाटक में स्थित इस शिवलिंग की ऊंचाई 108 फीट है। इस विशाल शिवलिंग के ठीक सामने नंदी की एक 35 फीट लंबी मूर्ति है। नंदी को 60 फुट लंबे, 40 फुट चौड़े और 4 फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है।

कोटिलिंगेश्वर मंदिर, कर्नाटक | Zeeshan - RE

भगवान शिव का महा मृत्युंजय मंदिर असं के नगाँव में स्थित है। यह मंदिर अपने स्थापत्य की दृष्टि से विशेष है। यहां 126 फुट ऊंचा और दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है। जिसकी विशेषता ने इसे अद्वितीय और आकर्षक बना दिया है।

महामृत्युंजय मंदिर, असम | Zeeshan - RE

नामकुम केतारी बगान स्वर्णरेखा नदी के तट पर स्वर्ण रेखा धाम है। जहां, 108 फीट ऊंची भगवान शिव की विराट शिवलिंग आकर्षण का केंद्र है। यह गहरे काले रंग का है। शिवलिंग के ऊपर फव्वारा है, जहां से दूध और पानी भगवान शिव के लिंग के ऊपर बरसाया जाता है। यह झारखंड का सबसे बड़ा शिवलिंग है।

स्वर्ण रेखा धाम, झारखंड | Zeeshan - RE

झारखंड के बगोदर, गिरिडीह में स्थित हरिहर धाम मंदिर की लंबाई 65 फीट है। यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां होने वाली शादियां हर दूसरे साल अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देती है। अर्थात इस मंदिर में होने वाली शादियों का आंकड़ा अपने पिछले वर्ष से हर साल ज्यादा होता है।

हरिहर धाम मंदिर, झारखंड | Zeeshan - RE

केरल में स्थित महेश्वरम श्री शिव पार्वती मंदिर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई 111.2 फीट है। केरल के इस शिव लिंगम को दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जाता है। बेलनाकार संरचना में आठ मंजिल हैं, जिनमें से छह मानव शरीर के चक्रों या ऊर्जा केंद्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

महेश्वरम श्री शिव पार्वती मंदिर, केरल | Zeeshan - RE

भोजपुर के भोजेश्वर मंदिर भारत के सबसे बड़े शिव लिंग है। इसकी लंबाई 18 फीट है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। चट्टानों से बना यह मंदिर बेतवा नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि, भोजेश्वर मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी के भोजपुर में परमार राजा "भोज" द्वारा किया गया था।

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