Deeksha Nandini
राजा मैखल ने अपनी बेटी नर्मदा के विवाह के लिए एक शर्त रखी थी। जो पुरुष गुलबकावली के फूल लेकर नर्मदा को देगा उससे नर्मदा का विवाह किया जायेगा।
शर्त के अनुसार, सोनभ्रद नद (नदी का पुल्लिंग) ने नर्मदा से विवाह करने के लिए गुलबकावली के फूल लाकर उसे दे दिया। जिसके बाद राजा ने उसका विवाह नर्मदा से तय कर दिया।
सोनभद्र के विषय में नर्मदा ने काफी सुना था जिसके बाद नर्मदा के मन में उसे देखने की तीव्र इच्छा हुई। नर्मदा ने अपनी सखी जोहिला के हाथों एक संदेशा सोनभद्र के नाम भिजवा दिया।
नर्मदा के संदेशा का जवाब लेकर जोहिला (मध्यप्रदेश में बहनें वाली नदी) काफी देर तक नहीं लौटी, जिसके बाद नर्मदा खुद अपनी सखी की तलाश में निकली।
जब नर्मदा जोहिला की तलाश में निकली तो जंगल में जोहिला और सोनभ्रद को नर्मदा ने साथ में देखा, तो काफी क्रोधित हो गई और वही आजीवन कुंवारी रहने का प्रण कर लिया।
कुंवारी रहने का प्रण करते हुए नर्मदा उल्टी दिशा में जाने लगी और तभी से नर्मदा नदी उल्टी दिशा में बहती है। बाकी नदियां बंगाल की खाड़ी में मिली है जबकि नर्मदा नदी अरब सागर में मिलती है।
चंद्रमा के ये "राज" जानते हैं आप?