साल में बस एक बार खुलता है ये मंदिर

Deeksha Nandini

मां लिंगेश्वरी मंदिर देश दुनिया में मशहूर है। यह बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में है। फरसगांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत झाटीबन आलोर की पहाड़ियों में मां लिंगेश्वरी देवी का मंदिर है।

आलोर की पहाड़ियों में मां लिंगेश्वरी देवी | Mohammed Asim -RE

यह मंदिर पूरे साल में सिर्फ एक बार देवी की पूजा के बाद श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए खोला जाता है और शाम को बंद कर दिया जाता है।

साल में एक बार खुलता है मंदिर | Mohammed Asim -RE

बस्तर में मां लिंगेश्वरी मंदिर साल में एक बार ही खुलता है। इस बार 27 सितंबर, बुधवार को मंदिर के पट खोले जायेंगे।

27 सितंबर को खुलेंगे पट | Mohammed Asim -RE

आलोर मंदिर सेवा समिति ने यह निर्णय लिया है। मां लिंगेश्वरी देवी गुफा का दरवाजा बुधवार सुबह 5 बजे पूजा और अनुष्ठान के बाद खोला जाएगा।

बुधवार सुबह देवी की पूजा | Mohammed Asim -RE

मां लिंगेश्वरी को निःसंतान दंपतियों को संतान होने का आशीर्वाद देने वाली देवी के रूप में जाना जाता है।

संतान का आशीर्वाद देती है देवी | Mohammed Asim -RE

मां लिंगेश्वरी देवी के मंदिर में निःसंतान दंपतियों को एक ककड़ी (खीरा) का प्रसाद दिया जाता है। पति पत्नी को मंदिर प्रांगण में ही बैठकर अपने हाथों से उसे आधा-आधा कर खाना होता है।

दंपतियों को ककड़ी का प्रसाद | Mohammed Asim -RE

मां लिंगेश्वरी मंदिर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। हर साल एक दिन पहले ही लोग पहुंच जाते हैं और शाम को मंदिर का पट खुलने का इंतजार कर लाइन में लगे रहते हैं।

1 दिन पहले पहुंचते हैं श्रद्धालु | Mohammed Asim -RE

मां लिंगेश्वरी देवी के दरबार में छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। माता के दर्शन के लिए आधी रात से श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लग जाती है।

दूसरे राज्य से आते हैं श्रद्धालु | Mohammed Asim -RE

बोरे बासी छत्तीसगढ़ का सुपर फ़ूड

बोरे बासी छत्तीसगढ़ का सुपर फ़ूड | Mohammed Asim -RE
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