gurjeet kaur
'E.coli' एक का पूरा नाम Escherichia coli है। यह बैटरिया वातावरण, खाद्य पदार्थ और इंसानों तथा जानवरों की आंतों में पाया जाता है। दूषित पानी और खाने से इस बैटेरिया के संक्रमण में आ सकते हैं। इसके लक्षणों में दस्त, उल्टी और पेट में दर्द शामिल है। लगातार दस्त में खून दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
'S. Aureus' का पूरा नाम Staphylococcus Aureus है। यह बैक्टेरिया इंसान की नक् और कान में मौजूद होता है। आमतौर पर त्वचा पर संक्रमण का कारण नहीं बनता है, हालांकि, अगर यह आंतरिक ऊतकों या रक्तप्रवाह में प्रवेश कर जाए तो ये बैक्टीरिया गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं। तेज बुखार, सांस लेने में दिक्क्त और हड्डियों में दर्द है। समय पर इलाज न मिलने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
'A. Baumannii' का पूरा नाम Acinetobacter baumannii है। यह कई जीवाणुओं का समूह है। इसका नाम जीवाणु विज्ञानी पॉल बोमनी के नाम पर रखा गया था। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उन्हें यह जीवाणु अधिक प्रभावित करती है।
'S. Pneumoniae' का पूरा नाम Streptococcus pneumoniae है। इस बैक्टीरिया की पहचान 19 वे शताब्दी में निमोनिया के कारण के रूप में हुई थी। यह आमतौर पर बच्चों को प्रभावित करता है। श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से में यह बैटेरिया मौजूद होता है। निमोनिया होने पर बच्चों को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।
'K. Pneumoniae' का पूरा नाम Klebsiella pneumoniae है। यह स्वास्थ्य लोगों की आंतों और मॉल में मौजूद होता है। इसके प्रमुख लक्षण खांसी, बुखार, बलगम, साँस लेने में दिक्कत और सीने में तीव्र दर्द है। आंतों शरीर के अन्य हिस्सों में प्रवेश से यह गंभीर रूप से हानिकारक हो सकता है। यदि कोई पहले से बीमार हो तो यह गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।
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