Shreya N
विदेशों में बसने वाले भारतीयों में सबसे ज्यादा, अमेरिका जाना पसंद करते है। यूएसए में 4.9 मिलियन भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यह यूएसए की कुल आबादी का 1.35 प्रतिशत हिस्सा है। ज्यादा रोजगार के अवसर और बेहतर शिक्षा के कारण भारतीय अमेरिका में बसना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां की कई बड़ी कंपनियों के उच्च अधिकारी भारतीय मूल के है।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय मूल के 3.5 मिलियन से ज्यादा लोग रहते हैं। भारतीय यूएई की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा है। यूएई की कुल आबादी में से 27.1 प्रतिशत भारतीय है। यूएई भारत के कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार के कई अवसर प्रदान करता है, जिसके चलते यहां भारतीयों का प्रवास ज्यादा होता है।
एशियाई देश मलेशिया में भी भारतीय काम करना या बसना बहुत पसंद करते हैं। मलेशिया की कुल आबादी में से 2 मिलियन लोग भारतीय मूल के है। यह इस देश की आबादी का 7.4 प्रतिशत हिस्सा है। मलेशिया में रह रहे कई भारतीय अंग्रेजों के शासन काल के समय प्लांटेशन साइट्स पर काम करने गए लोग हैं।
मध्य पूर्वी देश सऊदी अरब भी, भारतीयों के पसंदीदा देशों में से एक है। यहां 4 मिलियन से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जोकि सऊदी की कुल आबादी का 13.22 फीसदी हिस्सा है। कर मुक्त सैलरी और बेहतर रोजगार के मौकों के कारण, भारतीय सऊदी अरब में प्रवास करते हैं।
भारत के लोगों को यूके में पढ़ने, काम करने और करियर सेट करने के भी भरपूर मौके मिलते हैं। यहां 1.4 मिलियन से ज्यादा भारतीय निवास करते है। ये भारतीय यूके की कुल आबादी का 2.3 प्रतिशत हिस्सा है।
कनाडा में भी भारतीय मूल के लोगों के लिए करियर बनाने के कई मौके हैं। इस पश्चिमी देश में 1.4 मिलियन से ज्यादा भारतीय रहते हैं। ये भारतीय, कनाडा की कुल आबादी का 3.7 प्रतिशत हिस्सा है। कनाडा में इतने ज्यादा प्रवासी भारतीय होने की एक वजह यह है, कि यहां जाने की प्रक्रिया आसान मानी जाती है।
भारत के लोग, पड़ोसी म्यांमार में जाकर बसना भी खूब पसंद करते हैं। इस देश में 1.1 मिलियन भारतीय रहते हैं, जो म्यांमार की कुल आबादी का 2 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें से ज्यादातर लोग, ब्रिटिश शासन काल के दौरान म्यांमार गए थे।
भारत के पड़ोसी श्रीलंका में भी, कई भारतीय प्रवासी निवास करते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इनकी संख्या 8,50,000 है। यह श्रीलंका की कुल आबादी का 4.4 प्रतिशत हिस्सा है।
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