भारत के इन मंदिरों से जुड़े हैं विचित्र विश्वास

Shreya N

बीकानेर के देशनोक में स्थित करणी माता मंदिर में हजारों की संख्या में चूहे घूमते रहते हैं। इन चूहों को लोग माता के भक्त और परिवार के सदस्य मानते है। यहां पर करणी माता को लगने वाला भोग चूहों को भी लगता है। ताज्जुब की बात यह है कि, इतने चूहे होने के बाद भी यहां प्लेग के कोई रोगी नहीं हैं।

करणी माता मंदिर, बीकानेर | Syed Dabeer Hussain

जलंधर के शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा को हवाई जहाज गुरुद्वारा भी कहते हैं। जो लोग विदेश जाने का वीजा चाहते हैं, वे यहां आकर खिलौने वाला हवाई जहाज चढ़ाते हैं। कई सालों पहले ऐसा करने से कुछ लोगों को वीजा मिल गया था, जिसके बाद से ये एक रिवाज़ ही बन गया। यहां दिन भर में आए हवाई जहाजों को शाम में बच्चों में बांट दिया जाता है।

हवाई जहाज गुरुद्वारा, जलंधर | Syed Dabeer Hussain

उज्जैन के काल भैरव मंदिर में, भगवान काल भैरव को शराब चढ़ाई जाती है। ताज्जुब की बात यह है कि मूर्ति के पास शराब ले जाने से शराब गायब होने लगती है। इसके पीछे क्या रहस्य है, यह आज तक समझ नहीं आ पाया है। भगवान काल भैरव को चढ़ाने के बाद, यह शराब भक्तों को प्रसाद के रूप में भी दी जाती है।

काल भैरव मंदिर, उज्जैन | Syed Dabeer Hussain

कोलकाता में माता काली के एक मंदिर को ‘चीनी काली मंदिर’ कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस मंदिर में मां काली को भोग में नूडल्स और चॉप्सी चढ़ाई जाती है। यहां पूजा हिंदू रिवाजों से ही होती है, पर भोग चीनी खाद्य पदार्थों का लगता है। यहां चीनी धूप और मोमबत्तियों का उपयोग भी किया जाता है।

चीनी काली मंदिर, कोलकाता | Syed Dabeer Hussain

केरल के कोल्लम में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जहां महाभारत के खलनायक दुर्योधन की पूजा की जाती है। पांडवों के अज्ञातवास के दौरान दुर्योधन इस गांव में उन्हें खोजने गया था। यहां के लोगों ने दुर्योधन का खूब सत्कार किया। बदले में दुर्योधन ने उन्हें खेती के लिए जमीन दी। दुर्योधन जात-पात में नहीं मानता था, जिसे देखकर यहां के लोग उससे काफी प्रभावित हुए और उसे पूजने लगे।

मलनाड दुर्योधन मंदिर, केरल | Syed Dabeer Hussain

महाभारत में भीम की पत्नी हिडिंबा के नाम पर मनाली में एक हिडिंबा देवी मंदिर है। लोगों के हिसाब से यह मंदिर उसी स्थान पर बना है, जहां अपनी राजगद्दी बेटे को सौंपने के बाद हिडिंबा ने तपस्या की थी।

हिडिंबा देवी मंदिर, मनाली | Syed Dabeer Hussain

हैदराबाद के चिलकुर  में एक बालाजी वेंकटेश्वर मंदिर है। यहां लोग अमेरिका के वीज़ा की मन्नत मांगने आते हैं। अपनी मनोकामना पूरी कराने उन्हें 11 परिक्रमा करनी होती है। वीज़ा मिल जाने के बाद लोगों को मंदिर वापस आकर भगवान को धन्यवाद करने और 108 परिक्रमा करनी होती है।

वीज़ा बालाजी मंदिर, हैदराबाद | Syed Dabeer Hussain

1936 में वाराणसी में भारत माता मंदिर बनाया गया था। इसका उद्देश्य आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजली देना है। यहां की जमीन पर अखंड भारत का एक नक्शा है, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और अफगानिस्तान भी शामिल है। यहां किसी भगवान की मूर्ति या फोटो नहीं है।

भारत माता मंदिर, वाराणसी | Syed Dabeer Hussain

लाइट मेकअप करना सीखें

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