gurjeet kaur
ईवान चतुर्थ वासिलीविच रूस का राजा था। वह क्रूर तानाशाह था , उसे ईवान द टेरीबल के नाम से भी जाना जाता है। ईवान इतना क्रूर था की गुस्से ,में आकर उसने अपने ही बेटे की हत्या कर दी थी। यही नहीं उसने बड़े हो क्रूर तरीके से अपने अजन्मे बच्चे का गर्भपात भी करवा दिया था। इसके समय में हजारों लोगों की मौत हुई थी।
'Vilad III Dracula' 15 वीं सदी के वालाशिया का राजकुमार था। इसे Dracula कहा जाता है क्योंकि यह अत्यंत क्रूर तानाशाह था। Vilad III Dracula को लोगों को तड़पता देख मजा आता था। अपराध सिद्ध होने पर वो व्यक्ति को मोटे और धारधार पोल पर बैठने को मजबूर करता था। धीरे - धीरे ये पोल इंसान के शरीर में जाता था और फिर व्यक्ति की मृत्यु होती थी।
ईदी अमीन 1971 से 1979 तक युगांडा का एक सैन्य क्रूर तानाशाह था। ईदी अमीन पर 6 लाख लोगों की जान लेने का आरोप था। अपने खिलाफ आवाज उठाने वालों की ईदी अमीन हत्या करके उनके शव को अपने घर पर रखता था। यह भी बताया जाता है कि, ईदी अमीन इन शवों का मांस तक खाया करता था। इसकी 6 बीवियां और 45 बच्चे थे।
सद्दाम हुसैन अब्द अल-माजिद अल-तिक्रिती दो दशक तक इराक़ के राष्ट्रपति रहे। इसकी क्रूरता के चलते इसे मध्य - पूर्व का पागल शासक भी कहा जाता था। सद्दाम हुसैन को क्रूर तानाशाह शासक भी माना जाता है । सद्दाम हुसैन ने दुजैल शहर में साल 1982 में 148 लोगों की हत्या की थी, इसी के लिए उसे फांसी भी हुई। इसके बावजूद कई ऐसे लोग भी है जो सद्दाम हुसैन को नायक मानते हैं।
'लियोपोल्ड द्वितीय' साल 1865 से 1909 तक बेल्जियम के राजा थे। इसका शासन अत्याचार और हिंसा के किस्सों से भरा हुआ था। लियोपोल्ड द्वितीय के कांगो मुक्त राज्य के शोषण के कारण लाखों कांगोवासी मारे गए। उनके शासन को जबरन श्रम, अंग-भंग और अन्य अत्याचारों के लिए जाना जाता है।
तानाशाहों की सूची में जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर का नाम सबसे ज्यादा चर्चित है। हिटलर ने द्वितीय विश्व युद्ध भड़काया और नरसंहार की साजिश रची। इस युद्ध के परिणामस्वरूप 60 लाख यहूदियों के साथ-साथ लाखों अन्य लोगों का नरसंहार हुआ।
जोसेफ स्टालिन एक रूसी क्रांतिकारी और राजनेता थे इनका जन्म जॉर्जिया में हुआ था। सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन के शासन की विशेषता बड़े पैमाने पर दमन, जातीय सफाया और ग्रेट पर्ज थी, जिसके कारण लाखों लोग मारे गए।
माओ जेडोंग या माओ से-तुंग, चीनी क्रांतिकारी, राजनीतिक विचारक और साम्यवादी दल के नेता थे। माओ जेडोंग कार्ल मार्क्स और लेनिन का प्रशंसक था।माओ इतना ताकतवर था कि किसी की भी उसके विरुद्ध जाने की हिम्मत नहीं हुई। उसका विरोध करने की हिम्मत जो भी करता माओ उसे आजीवन कारावास में डाल देता।
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