भारत में कई तरह से मनाई जाती है नवरात्रि

Shreya N

उत्तर प्रदेश और बिहार के शहरों में नवरात्रि के दौरान नौ दिन रामायण का आयोजन होता है। दशहरा के दिन रामलीला के समापन के साथ रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाता है।

रामलीला (उत्तर प्रदेश, बिहार) | Mohmmad Asim - RE

पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, व झारखंड में नवरात्रि के समय दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जाता है। यहां बड़े-बड़े पंडाल लगते है। इन पंडालों में लोग सज कर आते हैं। मां दुर्गा की पूजा के साथ, यहां पारंपरिक खान, पान, नाच और गानों का भी आयोजन होता है।

पंडाल (पश्चिम बंगाल) | Mohmmad Asim - RE

राजस्थान की नवरात्रि, दशहरा मेले के लिए जानी जाती है। इन मेलों में रावण के बड़े-बड़े पुतलों का दहन भी किया जाता है। हर दिन आस-पास के इलाकों से लोग इन मेलो में शामिल होने आते हैं। कई मेले तो दशहरा के बाद धनतेरस के दिन तक लगे रहते हैं।

मेला (राजस्थान) | Mohmmad Asim - RE

हिमाचल में नवरात्रि का मुख्य उत्सव दशहरा के दिन होता है। कुल्लू में इस उत्सव को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। यहां हिमाचल के सांस्कृतिक नाच- गानों के साथ रैली निकलती है। ब्यास नदी के किनारे रावण दहन के साथ, इस उत्सव का समापन होता है।

कुल्लू दशहरा (हिमाचल प्रदेश) | Mohmmad Asim - RE

गुजरात में नवरात्रि का सबसे आवश्यक भाग है गरबा। यहां के लोग नौ दिनों का उपवास रखते हैं और हर दिन शाम को मिलकर गरबा करते हैं। गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा करने का रिवाज़ आजकल पूरे देश में फैल गया है।

गरबा (गुजरात) | Mohmmad Asim - RE

आंध्र प्रदेश में नवरात्रि के दौरान बथुकम्मा त्योहार मनाया जाता है। इस त्यौहार में फूलों की सात परतों से गोपुरम मंदिर जैसी आकृति बनाई जाती है। त्यौहार के आखिरी दिन इसे सिरा दिया जाता है। इसी प्रकार का बतुकम्मा त्योहार तेलंगाना में बनाया जाता है, जिसमें कुवारी लड़किया अच्छे वर के लिए मां गौरी की पूजा करती है।

बथुकम्मा (आंध्र प्रदेश) | Mohmmad Asim - RE

कुल्लू की तरह मैसूर का दशहरा भी बहूत प्रख्यात है। यहां महानवमी के दिन हाथी और घोड़े का जुलूस निकलता है और शाही तलवार की पूजा होती है। दशहरा के दिन भी एक बड़ा जुलूस निकलता है। मैसूर में दशहरा की यह परंपरा वोडेयार राजा के समय से चली आ रही है।

मैसूर दशहरा (कर्नाटक) | Mohmmad Asim - RE

केरल और तमिलनाडु के अन्य भागों में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलावा देवी सरस्वती और देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। यहां कोलू की स्थापना की जाती है जोकि एक प्रकार की मूर्तियां होती है।

कोलू स्थापना (केरल) | Mohmmad Asim - RE

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