बच्‍चे भी हो सकते हैं 'डिप्रेशन का शिकार', ऐसे पहचाने अपने बच्चों में लक्षण और करें यह उपाय

Kavita Singh Rathore

अगर बच्‍चे में डिप्रेशन के लक्षण नजर आ ते हैं, तो उसे एकदम अकेला ना छोड़ें। उन्‍हें बताएं कि इस स्थिति से निपटने में आप उनकी मदद करेंगे और आप हमेशा उनके साथ हैं।

अकेला ना छोड़ें | Zeeshan - RE

टाइम मैनेजमेंट न होने के कारण बच्चों में उदासी और निराशा की भावनाएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। जो आगे चलकर खराब आत्‍मविश्‍वास, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक दबाव की वजह बनती है। इन सबसे अवसाद बढ़ता है। पैरेंट़स होने के नाते आपका फर्ज है कि उनका आत्‍मविश्‍वास बढ़ाएं।

उनका कॉन्फिडेंस बढ़ाएं | Zeeshan - RE

अगर आपको एहसास है कि बच्‍चा डिप्रेशन में है, तो उसे उसके पसंदीदा खेल खेलने के लिए प्रेरित करें। डेली एक्सरसाइज रूटीन भी शारीरिक और मानसिक बीमारियों को रोकने में मदद करता है।

एक्सरसाइज के लिए प्रेरित करें | Zeeshan - RE

जंक, ऑयली और शुगरी फूड़ खाने वाले बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण बहुत जल्दी नजर आते हैं। ऐसे में बच्‍चे को इनसे दूरी बनाने के लिए कहें और हो सके तो विटामिन ई, सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को उनके आहार का हिस्‍सा बनाएं।

डाइट का ध्यान रखें | Zeeshan - RE

बच्‍चे पर पूरा ध्यान दें और उनसे बात करते समय उनकी भी बातों को सुने। उनके विचार और भावनाओं को जानने की कोशिश करें। उनकी भावनाओं के प्रति सहानुभूति दिखाने का प्रयास करें। साथ ही उनको सही गलत का अंतर प्यार से समझाएं।

उनकी बात ध्‍यान से सुनें | Zeeshan - RE

स्‍ट्रेस, एंजायटी के बाद डिप्रेशन झेल रहे बच्‍चों को कम्‍यूनिटी सर्विसेस में व्‍यस्‍त रखकर उनकी स्थिति पर काबू पाया जा सकता है। जरूरतमंद लोगों की मदद करने से संतुष्टि और आत्म सम्मान की भावना बढ़ती है। इसमें इंगेज होने के बाद बच्‍चा अपनी पर्सनल प्रॉब्लम को सॉल्‍व करने में सक्षम होता है।

कम्युनिटी सर्विस में व्‍यस्‍त रखें | Zeeshan - RE
  • उदासी और उर्जा के स्‍तर में कमी।

  • बहुत ज्‍यादा नींद आना या नींद ना आना।

  • भूख में बदलाव।

  • वजन बढ़ना या घटना।

  • निराशा और अपराध बोध।

  • चिड़चिड़ापन, एकाग्रता व सतर्कता की कमी।

  • निर्णय लेने में असमर्थता।

यह हैं बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण | Zeeshan - RE
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