बच्चों को सिखाएं 'जॉइंट फैमिली' में रहना

Kavita Singh Rathore

जब बच्चे जॉइंट फैमिली में रहते हैं तो, वह खुद को स्वतंत्र महसूस नहीं कर पाते हैं। उन्हें पर्सनल स्पेस देना चाहिए। जिससे वह परिवार के बड़े लोगों के बीच भी खुद को स्वतंत्र महसूस कर सकें।

स्वतंत्रता | Naval Patel-RE

बच्चो को पॉजिटिव सोच रखना सिखाएं, उन्हें बताएं की सुख-दुःख, तकलीफ, तीज त्यौहार में परिवार के लोग ही साथ होते हैं। फैमिली में जब सब मिल जल कर रहेंगे तो, बड़ी से बड़ी समस्या को मिलकर आसानी से दूर कर सकेंगे। बच्चों की सोच ऐसी हो कि, वह हर स्थिति में फैमिली के साथ ही रहना पसंद करें।

पॉजिटिव सोच | Naval Patel-RE

यदि परिवार का कोई भी बच्चा किसी समस्या के समाधान पर बात करे तो, उसकी सराहना सबके सामने करें। इससे वह खुद के प्रति सम्मान महसूस करेगा और प्रोत्साहन या सराहना मिलने पर बच्चे किसी भी बात को जल्दी समझ पाते हैं।

बच्चे की सराहना | Naval Patel-RE

बच्चों को बताएं कि, 'वह कितने भी बड़े हो जाए, लेकिन वह बड़ो के सामने बच्चे ही हैं।' इसलिए उन्हें हर हाल में बड़ो का सम्मान करना चाहिए।

बड़ों का सम्मान | Naval Patel-RE

बच्चों को बताएं गलती मान लेने से कोई छोटा बड़ा नहीं होता, इसलिए गलती होने पर अपनी गलती मानते हुए माफ़ी मांग लेना एक अच्छा आचरण हैं। पेरैंट्स को देखना चाहिए कि गलत काम करने पर बच्चे को उसकी गलती का एहसास करवाएं।

गलती का एहसास | Naval Patel-RE

बच्चों को शेयरिंग आना बहुत जरूरी है। बच्चों में समर्पण की भावना होगी तो, वह एक दूसरे को अपनी चीजें देने या किसी तरह की अन्य मदद करने में सोचेंगे नहीं। जबकि कई बार ऐसा होता है बच्चे अपनी चीजों की शेयरिंग करना बिलकुल पसंद नहीं करते।उन्हें घर के दूसरे बच्चे की भावनाओं का ख्याल तक नहीं आता।

शेयरिंग सिखाएं | Naval Patel-RE

बच्चों को बताएं वह परिवार के हर एक सदस्य से कुछ न कुछ सीख कर अपना चरित्र निर्माण कर सकते हैं। "ज्वाइंट फैमिली" बच्चों के विकास के लिए एक अनुकुल वातावरण उपलब्ध कराने के साथ ही बच्चे को बेहतर बनने में मदद करती है।

चरित्र निर्माण | Naval Patel-RE

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