पाक में बढ़ रहे सुसाइड टेररिज्म से जुड़ी कुछ भयानक बातें

Kavita Singh Rathore

पाक में सुसाइड टेररिज्म तेजी से बढ़ रहा है। इसके तहत लोग अपनी ही मौत स्वीकार कर करके अपने ऊपर बम बांड कर लोगों के बीच में जाकर दूसरो की जान लेते हैं। इस तरह का तरीका अपने वाले आतंकियों की संख्या पाक में बढ़ रही है और सुसाइड टेररिज्म तेजी से फ़ैल रहा है।

पाक में तेजी से बढ़ रहा | Zeeshan - RE

सुसाइड टेररिज्म आतंक के तरीकों में सबसे ज्यादा खतरनाक और घातक तरीका है। इसका मुख्य कारण यह है कि, यह इंसानों द्वारा होता होता है तो लोग जहां चाहे जितने चाहे लोगों को एक बार में मार सकते हैं।

आतंक के तरीकों में सबसे ज्यादा खतरनाक | Zeeshan - RE

PICSS द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 7 महीनों में देश में 18 सुसाइड अटैक हुए हैं। इस दौरान 200 से ज्यादा लोग मारे गए, जबकि, लगभग 500 लोग घायल हुए। बता दें, ब्लास्ट की घटनाएं अलग हैं।

ताजा आंकड़ा | Zeeshan - RE

पाकिस्तान में सुसाइड टैररिज्म का ग्राफ 2007 से बढ़ते हुए इतना बढ़ गया है कि, अभी बीते दिन ही वह हमला हुआ। बता दें, यह सिलिसला नब्बे के दशक से चला आरहा है। 1995 में इस्लामाबाद स्थित इजिप्ट की एंबेसी पर हमला हुआ था। जिसमें 17 लोग मारे गए।

कब बढ़ा मौत का ग्राफ? | Zeeshan - RE

पाक में लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-ओमर, जैश-ए-मोहम्मद, हरकतुल मुजाहिद्दीन, सिपाह-ए-सहाबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जुंदल्ला, इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस जैसे कई आतंकी समूह हैं। जो इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हैं।

पाकिस्तान के आतंकी समूह | Zeeshan - RE

यह तरीका आतंकियों को इसलिए पसंद है क्योंकि, इसमें मरने वालों की संख्या ज्यादा होती है, सुसाइड बॉम्बर सीधे अपने टारगेट पर पहुंचते हैं, कॉस्ट इफेक्टिव तरीका है और सुसाइड बॉम्बर के पकड़े जाने, और ग्रुप की पहचान पकड़े जाने का डर नहीं रहता।

आतंकियों को क्यों पसंद है ये तरीका | Zeeshan - RE

अब तक सुसाइड यह हमले 1983 में बेरुत की अमेरिकन एंबेसी में, फ्रेंच और अमेरिकन एंबेसी पर, 2005 में लंदन में हुए हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान, फिलीस्तीन, इराक, ईरान और चेचन्या में तक सुसाइड अटैक हो चुके हैं। बता दें, 1991 में श्रीलंका के लिट्टे ग्रुप ने सुसाइड अटैक में ही राजीव गांधी की हत्या की थी।

इन देशों में हुए आत्मघाती हमले | Zeeshan - RE

पाक सरकार द्वारा साल 2014 में जर्ब-ए-अज्ब नाम से एक ऑपरेशन लॉन्च होने के बाद सुसाइड टैररिज्म थोड़ा कम हो गया। क्योंकि, इस ऑपरेशन की कमान आर्मी के पास थी।

हमलों में कमी | Zeeshan - RE

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