Deeksha Nandini
आयुर्वेदिक स्टडी के अनुसार, Copper Charged Water पीने से वात, कफ और पित्त तीनों दोष को संतुलित करने में मदद मिलती है। रोजाना एक गिलास तांबे का पानी पीने से हार्मोन संतुलित रहते हैं।
"Copper Charged Water" फंगस, वायरस और बैक्टीरिया पैदा करने वाली कई हानिकारक बीमारियों को खत्म करने के लिए अच्छा समाधान है। शरीर के प्राकृतिक pH स्तर को बनाए रखने में भी मदद करता है।
हृदय रोग के मरीजों को तांबे का पानी पीना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि शरीर में तांबे की कमी से प्लाक का निर्माण होता है, जो ब्लड वेसेल्स को ब्लॉक करने के लिए जिम्मेदार है।
तांबे के कंटेनर या बर्तन में रखे पानी में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। यह ट्यूमर पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकता है। इसके साथ ये शरीर में जमा फैट को पिघलाकर वजन कम करने में हेल्प करता है।
यदि आप उन लोगों में से हैं जो बहुत ज्यादा समय बाहर धूप में बिताते हैं, तो अपने साथ तांबे की बोतल रखें क्योंकि इसमें मौजूद पानी मेलेनिन प्रोड्यूस करता है, जो आपकी त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए बहुत लाभदायक है।
तांबे के बर्तन में रखा पानी सही मात्रा में ही लेना चाहिए। WHO एक लीटर पानी के लिए कम से कम 0.47 मिलीग्राम तांबे के पानी का सेवन करने का सुझाव देता है। यह हर दिन 10 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
तांबे की बोतल में पानी 10 घंटे से ज्यादा समय तक रखा है तो इसका सेवन भूलकर भी ना करें। इससे तांबे का पानी जहर बन सकता है। अगर पानी में ज्यादा मात्रा में तांबा मिलाया जाता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
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