Kavita Singh Rathore
यह कंपनी तेल और नेचुरल गैस के क्षेत्र में भारत की बहुत पुरानी कंपनी है जो खाड़ी देशों से कच्चा तेल निकालने का काम करती है ,खाड़ी देशों में युद्ध बढ़ने से इस कंपनी को बहुत नुकसान होने की सम्भावना है तथा वहां काम कर रहे कर्मचारियों की जान को भी खतरा बना रहता है।
मुकेश अम्बानी के स्वामित्व वाली रिलायन्स कंपनी तेल और नेचुरल गैस के क्षेत्र में एक उभरती हुई कंपनी है ,ये भी खाड़ी देशों से कच्चा तेल निकालने का काम करती है तथा युद्ध की स्थिति में इस कंपनी को भी बड़ा खतरा बना रहेगा इनके प्लांट पर एयर स्ट्राइक का खतरा बना रहता है।
यह IT के क्षेत्र में भारत की बहुत बड़ी कंपनी है , जिसने हाल ही में इजराइल की एक कंपनी PANAYA को $ 200 मिलियन डॉलर खरीदा है , युद्ध से उसे इस डील के कारण काफी मुकसान उठाना पड़ सकता है।
अडानी ग्रुप के भी खाड़ी देशों में कई प्रोजेक्ट चलते है उसने हाल ही में इजराइल में एक पोर्ट में 70% की डील की है ,जिसकी कीमत 1.8 बिलियन डॉलर की थी इस युद्ध के बाद पोर्ट पर हमले का खतरा बढ़ गया है तथा अडानी ग्रुप को बहुत नुकसान होने की सम्भावना है।
रतन टाटा के स्वामित्व वाली टाटा ग्रुप के भी कई प्रोजेक्ट खाड़ी देशों में चलते रहते है ,जो युद्ध के बाद कभी भी बंद हो सकते है इसलिए टाटा ग्रुप ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
एचसीएल टेक्नोलॉजी के भी कई वर्कर खाड़ी देशों में काम करते है तथा उसके कई प्रोजेक्ट इन देशों में चलते है , जो युद्ध के बाद खतरे में दिखाई दे रहे है।
रिलायंस ग्रुप कई क्षेत्रों में खाड़ी देशों में काम करता है जिसमे प्लास्टिक , मेटल , एनर्जी सेक्टर के प्रोजेक्ट शामिल है जो युद्ध से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
यह भारत की बड़ी IT कंपनी है जिसके वर्कर कई खाड़ी देशों में काम करते है ,युद्ध की स्तिथि में वह सब प्रभावित होंगे तथा कंपनी को नुकसान होने की सम्भावना है।