चावल को अक्षत कहा जाता हैं, इसका सीधा मतलब ये है कि, जिसका क्षय न हुआ हो, यानी कि वह टूटे न हो। अक्षत के रूप में साबुत चावलों का ही प्रयोग करें, जो कि कहीं से भी टूटे न हों। साथ ही गणेश पूजन में गीले चावलों का प्रयोग किया जाता है।
टूटे या सूखे चावल | Syed Dabeer Hussain - RE