यहां भारत के सबसे बड़े कछुए की प्रजाति

gurjeet kaur

रेड क्राउंड रूफ्ड टर्टल मीठे पानी का कछुआ है, जो 20 इंच की लंबाई तक पहुंच सकता है। यह प्रजाति मध्यप्रदेश के चंबल राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।

रेड क्राउंड रूफ्ड टर्टल | Mohammed Asim -RE

इंडियन नैरो हेडेड साफ्टशेल टर्टल का खोल हड्डीदार खोल के बजाय सख्त चमड़े जैसा होता है। यह कछुआ 43 इंच की लंबाई तक बढ़ सकता है। कछुआ मध्यप्रदेश के चंबल नेशनल पार्क और पंजाब की हरिके झील में पाया जा सकता है। यह भारत का सबसे बड़ा कछुआ है।

इंडियन नैरो हेडेड साफ्टशेल टर्टल | Mohammed Asim -RE

इंडियन सॉफ्टशेल एक विशाल कछुआ है, जिसकी लंबाई 28 इंच तक हो सकती है। यह कछुआ बड़े जलाशयों सहित महानदी, सिंधु और गंगा नदियों जैसी बड़ी नदियों में पाया जाता है। यह प्रजाति भी मध्यप्रदेश के चंबल राष्ट्रीय उद्यान में पाई जाती है।

इंडियन साफ्टशेल टर्टल | Mohammed Asim -RE

थ्री स्ट्रिप्ड रूफ टर्टल का आवरण चपटा होता है, जिसकी लंबाई 16 इंच तक होती है। यह प्रजाति भी मध्यप्रदेश में चंबल राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही उत्तर प्रदेश में दुधवा टाइगर रिजर्व, सारनाथ कछुआ अभ्यारण और जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पाई जाती है।

थ्री स्ट्रिप्ड रूफ टर्टल | Mohammed Asim -RE

इंडियन पीकॉक साफ्टशेल टर्टल का आकार 23.5 इंच तक बढ़ सकता है। यह गंगा जैसी बड़ी नदियों में पाया जाता है। यह प्रजाति मध्यप्रदेश में चंबल नदी में पाई जाती है।

इंडियन पीकॉक साफ्टशेल टर्टल | Mohammed Asim -RE

इस क्राउंड रिवर टर्टल का नाम सिर पर मौजूद पीली धारियों के कारण पड़ा है। इस टर्टल का आकार 24 इंच यानी 2 फीट की लंबाई तक बढ़ सकता है। यह मध्यप्रदेश में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान और चंबल वन्यजीव अभयारण्य में पाया जाता है।

क्राउंड रिवर टर्टल | Mohammed Asim -RE

कछुए मुख्य रूप से जलीय होते हैं और अपना अधिकांश समय पानी में ही बिताते हैं। सांस लेने कभी-कभी धूप सेंकने के लिए बाहरी सतह पर आते हैं। ये मुख्यतः मांसाहारी होते हैं। इनका औसत जीवनकाल 20-40 वर्ष का होता है। मीठे पानी के कछुओं को सॉफ्टशेल और हार्डशेल कछुए के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

कछुए का जीवनकाल | Mohammed Asim -RE

भारत में सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला राज्य MP

भारत में सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला राज्य MP | Mohammed Asim -RE