gurjeet kaur
Hatha Yoga, हठ योग'' दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बनी है। हठ में ''ह'' का अर्थ है सूर्य और ''था'' का अर्थ है चंद्रमा। हठ योग का अभ्यास करने का उद्देश्य शरीर, मन और आत्मा को शांत करके ध्यान के लिए तैयार करना है। यह प्राचीन भारतीय योग अनुशासन का एक व्यावहारिक रूप है जिसका उद्देश्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, आंतरिक शांति और खुशी को बढ़ावा देना है।
हठ योग का उद्देश्य शरीर के लचीलेपन को बढ़ाना है। हठ योग आसन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में वृद्धि, प्रतिरक्षा में सुधार और मानसिक शांति सहित कई लाभ प्रदान करते हैं।
हठ योग को प्रैक्टिस करने से न केवल मांसपेशियां फ्लेक्सिबल होती हैं बल्कि तनाव दूर रहता है। एंजाइटी और डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को Hatha Yoga प्रैक्टिस करने की सलाह दी जाती है।
Hatha Yoga में कई आसन होते हैं। कुक्कुट आसन उन्ही में से एक है। पद्मासन से इसकी व्यूत्पत्ति हुई है। इसे बिना बैठे किया जाता है। कुक्कुट आसन सबसे प्राचीन योगासनों में से एक है।
उत्तान कूर्मा आसन का अभ्यास पद्मासना में किया जाता है। इसमें हाथों को जाँघों और पिण्डलियों के बीच से निकालकर कन्धों को पकड़ते हैं और उसके बाद जमीन पर सीधा लेट जाते हैं। यही उत्तान कूर्मासन है।
सिद्धा आसन के अभ्यास से साधक का मन विषय वासना से मुक्त हो जाता है। इसके अभ्यास से निष्पत्ति अवस्था, समाधि की अवस्था प्राप्त होती है। यह सभी आसनों में सबसे महत्वपूर्ण है।
भद्र आसन, को प्रैक्टिस करने से एकाग्रता और दिमाग की शक्ति तेज होती है। Hatha Yoga में इसे विशेष रूप से प्रैक्टिस किया जाता।
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