Shreya N
पज़ल सुलझाने से बच्चे मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। ऐसे खेलों से बच्चों का मन भी लगा रहता है और इन्हें ज्यादा खेलना भी हानिकारक नहीं होता। मोबाइल या गेजेट्स के बजाय, उपहार में बच्चों को पजल देना एक अच्छा विचार है।
बाल दिवस पर बच्चों को एक पौधा देकर उसकी देखभाल करने भी कहा जा सकता है। इससे बच्चों के भीतर जिम्मेदारी के भाव विकसित होंगे। साथ ही पौधे में फूल खिलने की उत्सुकता में वे पौधे की देखभाल करना भी चाहेंगे। इस प्रकार बच्चों में भावनात्मकता का भी विकास होता है।
बच्चों को त्योहारों में अक्सर ही बड़ो से पैसे मिलते हैं। इन पैसों को एक जगह जमा करने के लिए, बाल दिवस पर बच्चों को गुल्लक भी दिया जा सकता है। बच्चे उन्हें मिलने वाले पैसों को इसमें जमा कर सकते हैं और बाद में इससे अपने लिए कुछ खरीद सकते हैं। इससे वे पैसे बचाने के फायदे और तरीके सीखेंगे।
आज के तकनीकी जमाने में बच्चे किताबों से दूर हो रहे हैं। ऐसे में माता-पिता उन्हें किंडल तोहफे में दे सकते हैं। किताब पढ़ने का यह तकनीकी तरीका, उन्हें पाठन की ओर आकर्षित कर सकता है।
बच्चों को छोटी उम्र में ही ग्लोब देकर, उनका सोचने का दायरा बढ़ाया जा सकता है। ग्लोब के जरिये बच्चे दूसरे देशों, वहां की जलवायु, लोग और अन्य बातें जानने के लिए उत्सुक होंगे। यह बच्चों में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की रुचि विकसित करेगा।
आजकल बच्चों में लिखने की आदत कम हो गई है। बाल दिवस पर उन्हें कोई सुंदर दिखने वाला नोटपैड देकर, उन्हें लिखने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
क्ले बच्चों की रचनात्मकता बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तोफा है। इससे बच्चे नई-नई चीज़े बनाने का प्रयास करते हैं। क्ले बच्चों को उपयोगी खेल में व्यस्त रखने का भी अच्छा तरीका है। इससे बच्चों की कला के क्षेत्र में रुचि बढ़ती है।
अगर बच्चा संगीत में जरा भी रुचि रखता है, तो इस बाल दिवस उसे वाद्य यंत्र देकर, उसकी रुचि को नई दिशा दी जा सकती है। वाद्य यंत्र को बजाना सीखने में बच्चा व्यस्त भी रहेगा और नई कला का ज्ञान भी ले पाएगा।
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