Shreya N
स्पेन यूरोप का पहला देश है, जिसने अपने देश में महिला नागरिकों को पीरियड्स के दौरान मेंस्ट्रुअल लीव देना शुरू किया है। इस संबंध में देश में 2023 में ही बिल पास किया गया। इसके अंतर्गत, महिलाएं हर पीरियड साइकिल में तीन दिन तक की छुट्टी ले सकती हैं।
इंडोनेशिया में भी पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी देने का प्रावधान है। यह नियम 1948 में बना था, जिसका पुनर्गठन 2003 में हुआ था। इस नियम के अनुसार, जो महिलाएं अत्यधिक पीरियड पैन से गुजरती हैं, वे मेंस्ट्रुअल साइकिल के पहले दो दिन, काम पर आने के लिए बाध्य नहीं होती।
जापान में 1947 का एक कानून महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी देने की बात करता है। हालांकि इस कानून में पैड लीव का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं पीरियड्स के दौरान, छुट्टी ना लेने वाली महिलाओं के लिए भी एक्स्ट्रा पेमेंट का कोई प्रावधान नहीं है।
साउथ कोरिया में महिलाएं एक दिन की मेंस्ट्रुअल लीव ले सकती है। हालांकि यह छुट्टी अनपैड होती है। यह नियम साउथ कोरिया के लेबर स्टैंडर्ड लॉ के अंतर्गत आता है। इस नियम में ऐसा भी कहा गया है, कि अगर महिलाएं मेंस्ट्रुअल लीव नहीं लेती है, तो उन्हें अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा।
ताइवान में महिलाएं महीने में एक बार, अपने वेतन से आधे पेमेंट में मेंस्ट्रुअल लीव ले सकती है। हालांकि वे, साल में केवल तीन बार ऐसा कर सकती है। तीन से ज्यादा बार मेंस्ट्रुअल लीव लेने पर, इसे सिक लीव (sick leave) माना जाएगा।
वियतनाम में महिलाएं हर महीने तीन दिन की मेंस्ट्रुअल लीव ले सकती है। इसके अलावा वे पीरियड्स के दौरान हर दिन 30 मिनट का अतिरिक्त ब्रेक भी ले सकती हैं। वहीं जो महिलाएं इस सुविधा का लाभ नहीं उठाती, उन्हें मुआवजा दिया जाता है।
भारत में केंद्रीय स्तर पर मेंस्ट्रुअल लीव से संबंधित कोई कानून नहीं है। हालांकि, बिहार में 1992 में 45 वर्ष से कम आयु की सरकारी कर्मचारियों को हर महीने दो मेंस्ट्रुअल लीव मिलती है। वहीं भारत में कई प्राइवेट कंपनियों में भी इस तरह के प्रावधान है। ज़ोमेटो अपने कर्मचारियों को 10 दिन की पीरियड लीव देता है। वहीं बायजूस में भी 12 दिन की सालाना छुट्टी का प्रावधान है।
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