केरल में तेजी से फैल रहे निपाह वायरस और उसके लक्षण के बारे में जान लें

Kavita Singh Rathore

निपाह वायरस संक्रमित जानवरों (जैसे चमगादड़ या सूअर) या उनके शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलने वाला वायरस है।

क्या है निपाह वायरस ? | Zeeshan - RE

निपाह वायरस के लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, उल्टी, चक्कर आना, गले में खराश, ज्यादा नींद आना और सांस लेने में काफी दिक्कत होना है।

निपाह वायरस के लक्षण | Zeeshan - RE

बता दें, निपाह वायरस (NiV) संक्रमित जानवरों, जैसे चमगादड़ या सूअर, या उनके शरीर के तरल पदार्थ जैसे खून, उनके मूत्र या लार के सीधे संपर्क में आने से या फिर कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से होता हैं, जिनमें किसी संक्रमित जानवर का तरल पदार्थ हो।

इंसानों में कैसे फ़ैल रहा निपाह? | Zeeshan - RE

निपाह वायरस की कोई दवा या टीका नहीं बना है। इसका एकमात्र इलाज है इसके लक्षणों के दीखते ही ऊपर करना।

निपाह वायरस की दवा | Zeeshan - RE

सूअरों के संपर्क से बचे और उन क्षेत्रों पर गिरे हुए फल न खाएं जहां फल चमगादड़ों का आना जाना होता है। निपाह वायरस से बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपकरण और सतहों को कीटाणुरहित करने जैसे संक्रमण नियंत्रण उपाय शामिल हैं, साथ ही बीमार जानवरों से खुद को दूर कर लेना।

निपाह को रोकने के उपाय | Zeeshan - RE

टेरोपस प्रजाति के 'फ्लाइंग फॉक्स' नाम के चमगादड़ में निपाह और हेंड्रा वायरस हैं। यह वायरस चमगादड़ के मूत्र और संभावित रूप से चमगादड़ के मल, लार और जन्म देने वाले तरल पदार्थ में मौजूद होता है।

चमगादड़ों में निपाह वायरस | Zeeshan - RE

निपाह वायरस पीएच 3 से 11 तक के घोल में 60 मिनट के ऊष्मायन के बाद इसे पुनः जिंदा कर देता है

कितने समय तक जिंदा रहता है वायरस

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