जान लें कौन हैं देश दुनिया में जाने जाने वाले बाबा नीम करोली

Kavita Singh Rathore

उत्तर-नीम करौली बाबा लोकप्रियता देश-विदेश तक है। लोग उन्हें भगवान हनुमान का अवतार मानते हैं और दुनियाभर उनके आश्रम में उनका आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। नीम करोली बाबा भगवान हनुमान के परम भक्त थे। इसलिए ही उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है

क्यों प्रसिद्ध है बाबा नीम करौली | Zeeshan - RE

बड़ी संख्या में नीम करोली बाबा के भक्त उन्हें महाराज जी के नाम से जानते हैं, लेकिन उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा रखा था। उन्होंने जब सत्य की खोज में घर छोड़ा तब उन्हें लक्ष्मण दास नाम मिला।

बाबा की असली पहचान | Zeeshan - RE

नीम करोली बाबा के अस्थि कलश को कैंची धाम में स्थापित करने के बाद से ही उनकी समाधि स्थल नैनीताल के पास पंतनगर में मानी जाती है। बता दें, यहां 5 देवी-देवताओं के अन्य मंदिर भी हैं।

कहाँ है बाबा की समाधि | Zeeshan - RE

10 सितंबर 1973 को नीम करौली बाबा ने खुद से ही महासमाधि ले कर अपना भौतिक शरीर को छोड़ दिया था। इसके बाद भौतिक रूप से उनकी मौत 11 सितंबर 1973 को मानी जाती है।

कब हुई थी बाबा की मौत ? | Zeeshan - RE

नीम करोली बाबा के आश्रम भारतभर में देखें तो, कैंची, वृन्दावन, ऋषिकेश, शिमला, फर्रुखाबाद में खिमासेपुर के पास नीम करोली गाँव, भूमियाधार, हनुमानगढ़ी और दिल्ली में है। इसके अलावा अमेरिका के ताओस, न्यू मैक्सिको में भी बना हैं।

बाबा के भारतभर में आश्रम | Zeeshan - RE

यदि आप कैंची धाम जाना चाहते हैं तो आपको उसके लिए पहले वहां रुकने का अनुरोध करते हुए एक पत्र लिखना होगा इसे नोट को पुराने भक्त के तौर पर अपनी एक हालिया तस्वीर के साथ कैंची आश्रम प्रबंधक को भेजना होगा।

कैंची धाम जाने की अनुमति | Zeeshan - RE

बाबा से जुड़े कई चमत्कारों को शायद ही कोई न जनता हो, लेकिन हम आपको एक किस्सा बताते हैं, बाबा के भंडारे का खाना बनाते समय घी कम पढने पर सभी लोग बाबा के पास पहुंचे। तब बाबा ने भोजन में घी के बजाय शिप्रा का जल डालने का सुझाव दिया और वह जल अपने आप घी में बदल गया। उनके ऐसे अनेक किस्से हैं।

बाबा के चमत्कार | Zeeshan - RE

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