देश के हर राज्य में मनाते, लेकिन इस गांव में क्यों नहीं मनाते 'रक्षाबंधन', जाने कारण

Kavita Singh Rathore

भारत के राजस्थान राज्य में स्थित एक पाली गांव नाम का गांव है। यहां रक्षाबंधन नहीं मनाते हैं। क्योंकि, यहां के लोगों की कुछ मान्यता हैं, जिसके कारण वह रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाते।

पाली गांव | Zeeshan - RE

पाली गांव में अपने पूर्वजों को रक्षाबंधन पर पाली में तर्पण करते हैं। ऐसा मन जाता है पालीवाल ब्राह्मण विक्रम संवत सन् 1291-92 में पाली छोड़कर चले गए थे और उन्होंने ऐसा करके बलिदान दिया था। उनके बलिदान के कारण लगभग 700 साल बाद भी यहां रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता है।

क्यों नहीं मना 'रक्षाबंधन' | Zeeshan - RE

सन् 1230 ई. में पाली गांव काफी संपन्न था, तब यहां मोहम्मद गौरी का आतंक था। इस आतंक से परेशान पालीवाल समाज ने कन्नौज से सालिम सिंह को बुलाया, लेकिन वेह भी अत्याचारी बन गया। इस दौरान मोहम्मद गौरी ने पाली गांव में कई क़त्लेआम किए। ऐसा कहा जाता है कि, गांव के बाहर करीब 4 मन जनेऊ पड़े थे। इस बड़े नरसंहार के बाद यहां राखी नहीं मनाई गई।

मोहम्मद गौरी का आतंक | Zeeshan - RE

इस बड़े नरसंहार और रक्षाबंधन ना मानाने की कहानी पालीवाल समाज सदियों से अपने बच्चों को सुनाते आरहे हैं और यह प्रथा सदियों से चली आ रही है।

सदियों से चली आ रही प्रथा | Zeeshan - RE

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से 30 किलोमीटर दूर स्थित मुरादनगर के सुराना गांव में भी लोग रक्षाबंधन नहीं मनाते हैं। यहां तो रक्षाबंधन को लोग 'काला दिन' घोषित कर दिया गया हैं।

सुराना गांव में भी नही मनाते 'रक्षाबंधन' | Zeeshan - RE

सुराना गांव में राजस्थान से आए पृथ्वीराज चौहान के वंशज सोन सिंह के आने की बात जब मोहम्मद गोरी को पता चली तो गोरी ने रक्षाबंधन वाले दिन पूरे गांव की जनता पर हाथियों से हमला करवाया। इस दौरान हाथियों के पैरों से कुचले बहुत से लोग मर गए और बहुत से घायल हो गए थे। यहां रक्षाबंधन ना मानाने का यही कारण है।

सुराना गांव | Zeeshan - RE

हमारी जानकारी में पाली गांव और सुराना गांव के लोग 'रक्षाबंधन' नही मनाते हैं। यदि आपकी जानकारी में भी एसी कोई जगह हो तो हमें जरूर बताएं।

आपकी जानकारी | Zeeshan - RE

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