सन् 1230 ई. में पाली गांव काफी संपन्न था, तब यहां मोहम्मद गौरी का आतंक था। इस आतंक से परेशान पालीवाल समाज ने कन्नौज से सालिम सिंह को बुलाया, लेकिन वेह भी अत्याचारी बन गया। इस दौरान मोहम्मद गौरी ने पाली गांव में कई क़त्लेआम किए। ऐसा कहा जाता है कि, गांव के बाहर करीब 4 मन जनेऊ पड़े थे। इस बड़े नरसंहार के बाद यहां राखी नहीं मनाई गई।
मोहम्मद गौरी का आतंक | Zeeshan - RE