रूस और सऊदी अरब के बीच तेल के उत्पादन को कम करने को लेकर एक डील हुई है। .दोनों देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन को कम करने को लेकर अपनी सहमति जताई है। . दोनों ही देश कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातक है जो दुनिया को आधे से ज्यादा कच्चे तेल का निर्यात करते है। .दोनों देशो के बीच हुई डील से दुनिया में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है, जो वर्तमान समय में 93 रुपय प्रति बैरल है। .दोनों देशों के बीच जुलाई 2023 में डील हुई थी, तब से ही कच्चे तेल के दाम में उछाल आया है। .भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है जो 87 % तेल आयात करता है, इसलिए बढ़ी हुई कीमतों का उस पर सबसे ज्यादा असर होगा। .दोनों ही देशों ने बड़ी हुई कीमतों से मुनाफा कमाने के लिए ये डील की है। .कच्चे तेल के दाम बढ़ने से दुनिया में महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जो कोविड के बाद से ही खस्ताहाल है। .अमेरिका में कनाडा पर क्यों भड़के विदेशमंत्री एस जयशंकर.क्लिक करें
रूस और सऊदी अरब के बीच तेल के उत्पादन को कम करने को लेकर एक डील हुई है। .दोनों देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन को कम करने को लेकर अपनी सहमति जताई है। . दोनों ही देश कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातक है जो दुनिया को आधे से ज्यादा कच्चे तेल का निर्यात करते है। .दोनों देशो के बीच हुई डील से दुनिया में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पहुंच सकती है, जो वर्तमान समय में 93 रुपय प्रति बैरल है। .दोनों देशों के बीच जुलाई 2023 में डील हुई थी, तब से ही कच्चे तेल के दाम में उछाल आया है। .भारत कच्चे तेल का सबसे बड़ा आयातक है जो 87 % तेल आयात करता है, इसलिए बढ़ी हुई कीमतों का उस पर सबसे ज्यादा असर होगा। .दोनों ही देशों ने बड़ी हुई कीमतों से मुनाफा कमाने के लिए ये डील की है। .कच्चे तेल के दाम बढ़ने से दुनिया में महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जो कोविड के बाद से ही खस्ताहाल है। .अमेरिका में कनाडा पर क्यों भड़के विदेशमंत्री एस जयशंकर.क्लिक करें