Crude oil production fell after appeal of Russia and Saudi Arabia
Crude oil production fell after appeal of Russia and Saudi Arabia Raj Express

5 साल में बड़ी गिरावट के करीब पहुंचा क्रूड आयल, सऊदी अरब और रूस की अपील के बाद थमी कीमतें

रूस और सऊदी अरब की अपील के बाद ओपेक प्लस देशों से कच्चे तेल का उत्पादन घटा दिया है। इसकी वजह से हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में हो रही गिरावट थमी है।

हाईलाइट्स

  • पांच सालों में पहली बार लगातार 7वें हफ्ते तेल की कीमत गिरावट की ओर।

  • रूस-सऊदी अरब ने ओपेक प्लस देशों से की उत्पादन में कटौती की अपील।

  • इसके बाद थमने लगी कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही गिरावट।

राज एक्सप्रेस । रूस और सऊदी अरब की अपील के बाद ओपेक प्लस देशों से कच्चे तेल का उत्पादन घटा दिया है। इसकी वजह से हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में हो रही गिरावट थमी है। बता दें कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के मामले में पिछले 5 साल का रिकॉर्ड टूटने के कगार पर जा पहुंचा है। पिछले पांच सालों में पहली बार तेल की कीमतें लगातार 7वें सप्ताह गिरावट की ओर हैं। हालांकि, सप्ताह खत्म होते-होते तेल की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिली हैं। कीमतों में आई ताजा बढ़ोतरी सऊदी अरब और रूस की उस अपील के बाद देखने में आई है, जिसमें उन्होंने ओपेक प्लस देशों से तेल उत्पादन में कटौती करने का आग्रह किया है।

इस समय ब्रेंट क्रूड वायदा 1.46 डॉलर या 2% बढ़कर 75.51 डॉलर प्रति बैरल पर है, जबकि यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट या डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा 1.33 डॉलर या 1.9% बढ़कर 70.67 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है। इससे पहले ब्रेंट क्रूड में दो डॉलर की तेजी देखने को मिली थी। दोनों बेंचमार्क इससे पहले जून के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेंट और डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा इस सप्ताह क्रमशः 4.4 फीसदी और 4.7 फीसदी की गिरावट की ओर हैं, जो पिछले 5 सप्ताह में उनकी सबसे बड़ी गिरावट है। रिकॉर्ड अमेरिकी उत्पादन, चीन के कच्चे तेल के आयात में कमी आने और तेल उत्पादन में कटौती को लेकर ओपेक प्लस देशों के समर्थन से तेल की कीमतों को झटका लगा है।

दुनिया के दो सबसे बड़े कच्चे तेल करे निर्यातक सऊदी अरब और रूस ने सभी ओपेक प्लस देशों से अर्थव्यवस्था की भलाई के लिए कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के समझौते में शामिल होने की अपील की। इसके बाद पेट्रोलियम एक्सपोर्टर देशों और सहयोगियों का संगठन ओपेक प्लस अगले साल की पहली तिमाही से तेल उत्पादन में संयुक्त रूप से 22 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कटौती पर सहमत हुआ है। इसकी वजह से कीमतों में फिर से तेजी का दौर शुरू हो गया है।

हाल के दिनों में चीन से कच्चे तेल की मांग में कमी आई है। चीन के सीमा शुल्क डेटा से पता चला है कि नवंबर में कच्चे तेल का आयात एक साल पहले की तुलना में 9 फीसदी गिर गया है। उच्च इन्वेंट्री, कमजोर आर्थिक संकेतकों और स्वतंत्र रिफाइनरों के धीमे ऑर्डर ने मांग को कमजोर कर दिया है। उत्पादन की बात करें तो अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन 1.3 करोड़ बीपीडी से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब रहा।

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