हर माह खुलते हैं 60 लाख डीमैट खाते, चाक चौबंद की जाएगी शेयर बाजार की निगरानी

देश में निवेशकों की संख्या में तेजी से विस्तार हो रहा है। हर साल बड़ी संख्या में लोग डिमैट एकाउन्ट खोलकर शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं।
15 करोड़ से अधिक खुल चुके हैं डीमैट खाते। हर माह बढ़ रही है इनकी संख्या
More than 15 crore demat accounts have been opened. Their number is increasing every monthRaj Express
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हाईलाइट्स

  • निवेशकों के हितों के चलते अगले दिनों में देखने को मिलेंगे कई बड़े फैसले

  • ये फैसले बाजार को निवेश के लिहाज से ज्यादा सुरक्षित स्थान बनाएंगे

  • शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़कर हो चुकी है 15 करोड़

  • इस समय हर माह शेयर बाजार में आते हैं 50 लाख से अधिक नए निवेशक

राज एक्सप्रेस । देश में निवेशकों की संख्या में तेजी से विस्तार हो रहा है। हर साल बड़ी संख्या में लोग डिमैट एकाउन्ट खोलकर शेयर बाजार में निवेश करना शुरू करते हैं। इस समय शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या बढ़कर 15 करोड़ हो चुकी है। इस संख्या में हर माह हर माह लगभग 50 लाख नये निवेशकों की संख्या बढ़ जाती है। निवेशकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शेयर बाजार प्रबंधन और नियामक एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। वे शेयर बाजार के सामान्य कामकाज में नियमों के पालन और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए एक ऐसा सुरक्षा ढ़ांचा तैयार करने की कोशिश कर रही हैं, जिसमें कोई गड़बड़ी की जगह ही नहीं हो।

हमें निवेशकों के हितों को केंद्र में रखते हुए अगले दिनों में कई बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं। ये फैसले शेयर बाजार को निवेश के लिहाज से ज्यादा सुरक्षित स्थान बनाएंगे। भारतीय शेयर बाजार की तेजी बरकरार है। बाजार के प्रति देश और विदेशी निवेशकों का भरोसा बरकरार है। देश की अर्थव्यवस्था संतोषजनक गति से विकास कर रही है। यह स्थिति उस समय बेहद महत्वपूर्ण है, जब दुनिया की दूसरी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं संकटों से घिरी दिखाई दे रही हैं। भारत वर्ष 2024-25 में लगातार चौथे वर्ष सात फीसदी की आर्थिक विकास दर हासिल करने की तरफ अग्रसर है।

इस स्थिति में यह आंकडा आश्चर्य में नहीं डालता कि जनवरी से मार्च 2024 के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफपीआई ने एशिया में सबसे ज्यादा निवेश भारतीय बाजारों में किया है। यह तथ्य भी बेहद उत्साह बढ़ाने वाला है कि भारतीय शेयर बाजार में हर माह करीब 60 लाख नये निवेशक प्रवेश कर रहे हैं। इसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था सामान्य गति से विकास कर रही है और देश के लोगों की दिलचस्पी निवेश में बढ़ रही है। भारतीय शेयर बाजार का आकार तेजी से बढ़ रहा है। शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या 15 करोड़ हो चुकी है। इस स्थिति से न सिर्फ शेयर बाजार का प्रबंधन बल्कि बाजार की नियामक एजेंसियां काफी सतर्क हो गई हैं।

उन्हें लग रहा है कि मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को और चौकस किए जाने की जरूरत है। शेयर बाजार प्रबंधन से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में शेयर बाजार में निवेशकों के हितों को लेकर कई बड़े फैसले होने वाले हैं। ये फैसले भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिहाज से पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित बनाएंगे। देश के शेयर बाजार ने अमेरिका, चीन और जापान के बाद सबसे बड़ा बाजार का रूप ले लिया है। इसका आकार 400 लाख करोड़ डॉलर की सीमा को पार कर गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि हम इस तथ्य को लेकर सतर्क हैं कि भारतीय बाजार की प्रकृति अमेरिका व दूसरे बाजारों से भिन्न है।

उदाहरण के लिए अमेरिका के बाजार में संस्थागत निवेशक अहम होते हैं, लेकिन भारतीय बाजार में छोटे निवेशकों का हित सर्वोपरि होते हैं। अमेरिका में अगर छोटे निवेशकों का पैसा डूब जाए तो यह मुद्दा नहीं है, लेकिन भारतीय शेयर बाजारों में छोटे निवेशकों के हितों का ध्यान रखा जाता है। भारत में 44 फीसद ट्रेडिंग खाते ऐसे हैं जो एक माह में एक लाख रुपये से कम की ट्रेडिंग करते हैं। 20 फीसदी घरों से सीधे तौर पर शेयर बाजार में निवेश किया जाने लगा है। आज प्रौद्योगिकी की वजह से शेयर बाजार में निवेश करना आसान हो गया है। हर माह 50-60 लाख नये निवेशकों का बाजार में आना इसका सबूत है।

ऐसी स्थिति में यह बहुत जरूरी है कि भारतीय बाजार के निगरानी तंत्र को पूरी तरह से पुख्ता बनाया जाए। इस बारे में नियामक एजेंसियों और शेयर बाजार प्रबंधन की सरकार के साथ विमर्श का दौर चल रहा है। यह महसूस किया जा रहा है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लिए उनकी गतिविधियों से जुड़ी सूचनाओं को सार्वजनिक करने की मौजूदा व्यवस्था में और सुधार किए जाने चाहिए। शेयर बाजार प्रबंधन और नियामक दोनों की ही नजरें उन लोगों पर लग गई हैं, जो यूट्यूब या दूसरे प्लेटफार्म्स का प्रयोग करके निवेशकों को गलत सूचनाओं के माध्यम से बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं।

सोशल मीडिया की निगरानी बढ़ा दी गई है। निवेशकों को गलत तरह से प्रभावित करने का प्रयास करने वाले कई लोगों के प्रति इस बीच कार्रवाइयां भी की गई हैं। भारतीय शेयर बाजारों के कामकाज में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। भारत मे्ं इस समय टी+1 सेटलमेंट प्रणाली लागू है। इसका मतलब है कि जिस दिन आप ट्रेड करते हैं, उसके दूसरे दिन खरीदे गए शेयर या बेचे जाने पर उसका पैसा आपके खाते में आ जाएगा। आपको बता दें कि टी+1 सेटलमेंट प्रणाली दुनिया के कई विकसित देशों में भी नहीं है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ब्रिटेन जैसे पूर्णतः विकसित देश भी टी+1 प्रणाली को लागू करने पर अभी विचार ही कर रहे हैं। आप यह जानकर और आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि यह प्रणाली अमेरिका जैसे विकसित देश में भी अब तक लागू नहीं है।

भारत अब इससे आगे बढ़ते हुए रियल टाइम सेटलमेंट की ओर आगे बढ़ रहा है। रियल टाइम सेटलमेंट यानी जिस समय आप शेयर खरीदें या बेचें ठीक उसी समय वह आपके डीमैट खाते में शेयर या पैसे आ जाए जाएं। भारतीय शेयर बाजार में इस समय 25 चुनिंदा शेयरों पर सेम डे सेटलमेंट पर पायलट परियोजना शुरू की गई है। इसका मतलब यह है कि जिस दिन आप शेयर खरीदेंगे ठीक उसी दिन वे शेयर या बेचने की स्थिति में उनका पैसा आपके खाते में आ जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट खत्म होने के बाद यह प्रणाली सभी शेयरों पर लागू कर दिया जाएगा। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी पर पिछले दस सालों में जो काम हुआ है, उसकी मदद से भारतीय शेयर बाजार दुनिया के बहुत सारे शेयर बाजारों से बेहतर बन पाया है।

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