अडाणी और हिंडनबर्ग केस में अडाणी समूह को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच को सही ठहराया
हाईलाइट
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने 24 नवंबर को सुरक्षित रख लिया था आदेश
शीर्ष कोर्ट ने कहा केस को सेबी से सीबीआई के पास भेजने का कोई आधार नहीं
बिना शोध हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर याचिका लगाने वाले वकीलों का दी नसीहत
राज एक्सप्रेस। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 03 जनवरी को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में अपना फैसला सुना दिया है। शीर्ष कोर्ट ने अडाणी समूह को राहत देते हुए इस मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की जांच को सही ठहराया है। देश की सबसे बड़ी अदालत ने सेबी की जांच में दखल देने से इनकार करते हुए इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई को ट्रासंफर करने की मांग को भी खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा इस मामले को सेबी से सीबीआई के पास स्थानांतरित करने का कोई मामला नहीं बनता है। सुप्रीम कोर्ट ने बिना पर्याप्त अध्ययन के हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के आधार पर अडाणी समूह के विरुद्ध शीर्ष कोर्ट में याचिका लगाने वाले वकीलों का भी नसीहत दी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की तीन-सदस्यीय बेंच ने इससे पहले 24 नवंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सेबी पर लगाए गए आरोपों पर असंतोष जाहिर किया
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अ़डाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के संबंध में सेबी पर लगाए गए आरोपों पर अपना असंतोष जाहिर किया है। सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि किसी तीसरे पक्ष की रिपोर्ट को निर्णायक सबूत नहीं माना जा सकता। इस मामले में हितों के टकराव का कोई मामला नहीं बनता है। सु्प्रीम कोर्ट का कहना है कि सेबी की जांच के लिए किसी स्वतंत्र रिपोर्ट या अखबार की कहानियों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसी तरह अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पर्याप्त अध्ययन के बिना शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं को चेतावनी भी दी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश- 3 माह में जांच पूरी करे सेबी
सुप्रीम कोर्ट ने इससे साथ ही सेबी को अडाणी समूह मामले में लंबित दो जांचों को अगले तीन महीने के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है। अडाणी समूह के खिलाफ सेबी कुल 24 मामलों की जांच कर रही है, जिसमें से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। गौर तलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2023 की शुरुआत में अडाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के बाद ही अडाणी समूह के शेयरों में बडी गिरावट देखने को मिली थी। इस दौरान हुए नुकसान से अडाणी समूह अब तक नहीं उबर पाया है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट में अडाणी समूह के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की मांग की गई थी।
सेबी की जांच पर शक करने का कोई ठोस आधार नहीं
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में सेबी की जांच की विश्वसनीयता पर शक करने का कोई ठोस आधार दिखाई नहीं देता है। उन्होंने याचिकर्ताओं के वकीलों को आधिक जिम्मेदार होने की नसीहत देते हुए कहा है कि उन्हें अदालत में तभी पहल करनी चाहिए, जब उनके पास सबूत हो। उन्होंने कहा एक वकील के तौर पर आपको अपने सवालों को लेकर जिम्मेदार होना चाहिए। यह कोई स्कूल की बहस नहीं है। आप बिना किसी सबूत के एसबीआई और एलआईसी के खिलाफ जांच के आदेश की मांग कर रहे हैं? क्या आपको पता है कि इसके क्या नतीजे हो सकते हैं?
हिंडनबर्ग ने बीते साल जनवरी में जारी की थी अपनी रिपोर्ट
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी शार्ट सेलर हिंडनबर्ग ने बीते साल जनवरी में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर अपने शेयरों में गड़बड़ी और एकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया था। अडाणी समूह ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इसे भारत पर सोचा-समझा हमला बताया था। इस मामले में कई याचिकाएं दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में मामले की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए सेबी को मई तक का समय दिया था। इसके बाद सेबी को जांच के लिए एक्सटेंशन भी मिल गया था। सेबी ने 24 नवंबर 2023 को बताया था कि इस मामले में जांच लगभग पूरी हो चुकी है।
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