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महादेव बेटिंग ऐप के तार भूपेश बघेल से जुड़ने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में सियासी भूचाल

महादेव बेटिंग ऐप की वजह से छत्तीसगढ़ में सियासी भूकंप आ गया है। महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के तार सीएम बघेल से जुड़ने के बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है।

हाईलाइट्स

  • महादेव ऐप की जांच की आंच अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तक जा पहुंची है।

  • प्रवर्तन निदेशालय ने शुरू की सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये देने के दावे की जांच।

  • इस घटनाक्रम ने पैदा की सियासी गर्मी, भाजपा के हाथ लगी सियासी संजीवनी

राज एक्सप्रेस। महादेव बेटिंग ऐप की वजह से बॉलीवुड के बाद अब छत्तीसगढ़ में सियासी भूकंप आ गया है। महादेव बेटिंग ऐप घोटाले के तार छत्तीसगढ़ की राजनीति से जुड़ने के साथ ही भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गई है। चुनावी राज्य में अचानक भाजपा के हाथ लगी इस संजीवनी ने भाजपा खेमें को नए सिरे से सक्रिय कर दिया है। महादेव ऐप की जांच की आंच अब छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीएम बघेल को 508 करोड़ रुपये दिए जाने के दावे की जांच शुरू कर दी है। इस घटनाक्रम के बाद छत्तीसगढ़ की सियासत में अचानक गर्मी पैदा हो गई है।

विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा के हाथ एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। पीएम मोदी ने भी कल छत्तीसगढ़ के दुर्ग में की गई चुनावी रैली में महादेव बेटिंग ऐप का जिक्र करके भूपेश बघेल और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। इस बीच एक बड़े मीडिया हाउस के एक स्टिंग ने महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े कई अन्य रहस्यों पर से पर्दा उठा दिया है। इस पर्दाफाश ने भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए कई समस्याएं पैदा कर दी हैं।

बता दें कि महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी का ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। इसके अलावा ऐप के माध्यम से क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनाव को लेकर बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी भी की जाती थी। महादेव बेटिंग ऐप ने अवैध सट्टेबाजी का अपना नेटवर्क छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में बहुत तेजी से फैलाया। देखते ही देखते यह प्लेटफार्म सट्टेबाजी की दुनिया में देश का बड़ा नाम बन गया। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि इस ऐप के सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में ही खोले गए हैं। इस ऐप के माध्यम से धोखाधड़ी के लिए पूरा खाका तैयार किया गया था।

दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से संचालित किया जाता था। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऐप की ब्रांचों को फ्रेंचाइजी के रूप में बेच कर खरीदने वालों से इसके बदले एक निश्चित रकम वसूलते थे। इस प्लेटफार्म पर यूजर को सिर्फ शुरुआत में ही फायदा होता था। इसके बाद में उसे लगातार नुकसान होता था। फायदे का 80 फीसदी हिस्सा सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अपने पास रख लेते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30% ग्राहक ही जीतने में सफल हो सकते थे, जबकि 70 फीसदी लोगों का पैसा संचालकों के खाते में जाना पहले से तय था।

छत्तीसगढ़ वह राज्य है, जहां से महादेव बुक ऐप की शुरुआत हुई थी। इसका नेटवर्क आज भी बहुत सक्रिय है। महादेव बेटिंग ऐप के एक्टिव सदस्य शोभित गुप्ता ने एक मीडिया हाउस की स्टिंग में बताया कि बेटिंग ऐप की पूरे भारत में सैकड़ों शाखाएं हैं। उसने बताया कि यह बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म है। इसकी 500 से ज्यादा ब्रांच हैं। इन ब्रांचों का संचालन 500 लोग करते हैं। इनके नीचे भी कई लोग काम करते हैं। हर ब्रांच का 'लॉगिन आईडी' एक ही व्यक्ति को दिया जाता है। एक निश्चित रकम लेकर ऐप लॉगिन और पासवर्ड फ्रेंचाइजी लेने वाले को सौंप दिए जाते हैं। उन्हें अपनी शाखा शुरू करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना होता। बस उन्हें कुछ लैपटॉप और मोबाइल फोन की जरूरत होती है और इस तरह यह ऐप काम करना शुरू कर देता है।

दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय की जांच अचानक भूपेश बघेल की ओर तब मुड़ी जब ईडी ने महादेव बुक ऑनलाइन बेटिंग ऐप सिंडिकेट की जांच के दौरान गुरुवार को छत्तीसगढ़ में एक सर्च ऑपरेशन में 5.39 करोड़ नकद बरामद किए थे। पकड़े गए कैश कूरियर असीम दास ने खुलासा किया कि यह रकम 'बघेल' के नाम राजनेता को दी जानी थी। इसके पहले ईडी को खुफिया जानकारी मिली थी कि 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर महादेव ऐप के प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी भेजी जा रही है। यह जानकारी सामने आने के बाद ईडी सक्रिय हो गई और उसने कई स्थानों पर तलाशी ली। उसी दौरान ईडी को भिलाई और सत्तारूढ़ कांग्रेस के चुनावी खर्च के लिए संयुक्त अरब अमीरात से भेजे गए एक कैश कूरियर असीम दास को डिटेन करने में सफलता मिली तो पूरा मामला साफ हो गया।

असीम दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्च के लिए राजनेता 'बघेल जी' को देने की व्यवस्था की गई थी। ईडी ने पूछताछ के दौरान महादेव ऐप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है, जिनमें बड़ी रकमें जमा हैं। जिन्हें अब फ्रीज कर दिया गया है। असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच से और शुभम सोनी (महादेव नेटवर्क के उच्च पदस्थ आरोपियों में से एक) द्वारा भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस मामले में पहले ही कई भुगतान किए जा चुके हैं. जिसके मुताबिक महादेव ऐप प्रमोटर्स ने अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया है।

जांच में ईडी ने पुलिस कांस्टेबल भीम यादव को भी गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि भीम यादव ने पिछले तीन सालों में अनधिकृत रूप से दुबई की यात्रा की और वहां उसने रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से मुलाकात की थी। उसने वहां महादेव एप के भव्य समारोहों में भी हिस्सा लिया। उसकी इस यात्रा का पूरा खर्च आहूजा के मेसर्स रैपिड ट्रैवल्स ने उठाया था। जो महादेव एप की एक मनी लॉन्ड्रिंग और टिकटिंग कंपनी है। उसका मुख्य काम छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं तक महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा भेजी गइ रिश्वत पहुंचाना था। इस मामले में दाखिल किए गए आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा भूपेश बघेल के दो ओएसडी और उनके करीबी लोगों को हवाला के जरिए भुगतान किया गया था।

इसके अलावा यह भी सामने आया है कि महादेव ऐप के प्रमोटर नियमित रूप से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी भुगतान किया करते थे। यूएई से आए कैश कूरियर असीम दास के फोन से ईडी को एक ऑडियो मिला है, जिसमें शुभम सोनी और असीम दास के बीच बातचीत हो रही है। इस बातचीत में सोनी असीम दास से कह रहा है कि तुम सीधो रायपुर पहुंचो और वहां बघेल को चुनाव के लिए पैसा पहुंचा दो। शुभम सोनी ऑडियो में कह रहा है कि भाई तू अभी के अभी इंडिया निकल। मेरे को भयंकर कॉल मैसेज आ रहे है उधर से पैसे के लिए। तू रायपुर ब्रांच से आठ दस करोड़ लेकर बघेल जी के पास पहुंचा देना। यह बात भी कर लेना की काम किसी तरह बंद नहीं होना चाहिए।

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