ट्विन टावर के बाद आया टाटा प्लांट की चिमनी का नंबर, जानिए कितना वक्त लगेगा ढहाने में?
राज एक्सप्रेस। बीते दिनों नोएडा के सेक्टर 93-A स्थित 102 मीटर ऊंचाई वाले ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया गया। इन ट्विन टावर को जिस तरह से गिराया गया है, उसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है। 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे यह ट्विन टावर ऊपर से नीचे तक पूरी तरह से बिखर गया और पानी के झरने की तरह एक ही जगह पर गिर गया। ख़ास बात यह है कि इतनी बड़ी इमारत को गिराने के बावजूद आसपास मौजूद किसी दूसरी इमारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस कारनामे को एडिफिस कंपनी ने अंजाम दिया है। ट्विन टावर गिराने के बाद एडिफिस कंपनी को अब नया प्रोजेक्ट भी मिल गया है। तो चलिए जानते हैं एडिफिस कंपनी के नए प्रोजेक्ट के बारे में।
110 मीटर की चिमनी :
एडिफिस कंपनी को अब झारखंड के जमशेदपुर में टाटा प्लांट की 110 मीटर की चिमनी गिराने की जिम्मेदारी मिली है। यह चिमनी टाटा परिसर में ही बनी है। इस चिमनी से महज 30 मीटर की दूरी पर टाटा का चालू प्लांट है। यही कारण है कि इसे भी ट्विन टावर की तरह ही जमींदोज किया जाएगा। टावर को गिरने वाले प्रोजेक्ट के मैनेजर मयूर मेहता ने इस नए प्रोजेक्ट को लेकर कहा है कि, "मैं अपने क्लाइंट का खुलासा नहीं करूंगा, लेकिन हमारी टीम ने नए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है।"
कितना लगेगा समय?
टाटा प्लांट की इस चिमनी को पहले एक तरफ झुकाया जा सकता है। इसके बाद कंट्रोल ब्लास्ट के जरिए इसे गिराने का काम होगा। चिमनी को ध्वस्त होने में 7 से 8 सेकंड का समय लगने की संभावना है। ब्लास्ट से किसी चिमनी को ध्वस्त किए जाने की यह पहली घटना होगी।
इस तरह गिराया गया था ट्विन टावर :
बता दे कि ट्विन टावर को गिराने के लिए एडिफिस कंपनी ने 6 महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए 10 इंजीनियर और 350 वर्कर्स की टीम काम कर रही थी। ट्विन टावर को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। इस विस्फोटक को दस हजार के करीब सुराख करके उनमें भरा गया था। इसे भारत का अब तक का सबसे बड़ा डिमोलिशन भी कहा जा रहा है।
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