हाइलाइट्स :
Airtel बन सकती है विदेश की कंपनी
Airtel को मिली FDI की मंजूरी
कंपनी ने विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाया
कंपनी को RBI से भी मिली मंजूरी
राज एक्सप्रेस। भारत की नामी बड़ी प्राइवेट कंपनी Airtel अब जल्द ही विदेश की कंपनी बनने की खबर सामने आ सकती है, क्योंकि हाल ही में देश की केंद्र सरकार और दूसरसंचार विभाग द्वारा Airtel कंपनी को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा को बढ़ाने के लिए मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने विदेशी निवेश की सीमा को 49% से बढ़ा कर 100% कर दिया है। इस बात की जानकारी कंपनी ने स्वयं शेयर बाजार को भी दी।
RBI से मिली मंजूरी :
एक तरफ Airtel कंपनी को दूसरसंचार विभाग से मंजूरी मिल गई वहीं दूसरी तरफ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा भी Airtel को कंपनी या विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) में विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) (विदेशी निवेशकों) को 74% तक हिस्सेदारी रखने की मंजूरी मिल गई है। इन दोनों ही मंजूरियों के मिलने से Airtel कंपनी को काफी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं कंपनी इस के द्वारा अपना बकाया कर्ज देने में भी सक्षम हो जाएगी। साथ ही कंपनी को विदेशी निवेशकों से अपने नेटवर्क विस्तार और स्पेक्ट्रम नीलामी भुगतान के लिए भी रकम मिल जाएगी।
क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला :
जैसा की सबको पता है कि, मार्केट में Jio के आने बाद से टेलिकॉम सेक्टर में लगातार प्रतिस्पर्धा बढ़ी ही है, जिससे अन्य टेलिकॉम कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा। इनमें Airtel कंपनी भी शामिल है। वहीं दूसरी तरफ टेलिकॉम सेक्टर की कंपनियों पर सरकार की तरफ से AGR की करोड़ों की रकम का भुगतान करने की बाध्यता लगायी गई है। इन कारणों से कंपनियों की हालत खस्ता हो गई है कंपनियां अपनी सहूलियत के हिसाब से फैसले ले रही हैं। कुछ समय पहले कई टेलिकॉम कंपनियां बंद हुई तो कई मर्ज हो गई। इन हालातों के बीच ही एयरटेल को भी अपना बचाव करने के लिए मजबूरी में ऐसा फैसला लेना पड़ा।
भारती टेलीकॉम की हिस्सेदारी :
कंपनी को FDI के लिए 100% की मंजूरी मिलने के बाद यह कंपनी देश की सबसे पुरानी प्राइवेट कंपनी विदेश की कंपनी में तब्दील हो सकती है। आपको बताते चलें कि, भारती एयरटेल की एक प्रमोटर कंपनी भारती टेलीकॉम है। जिसकी भारती एयरटेल में लगभग 41% हिस्सेदारी है। इतना ही नहीं इस कंपनी में वर्तमान में 21.46% विदेशी निवेश जुड़े हैं। वहीं कंपनी में शेयर होल्डरों का 37% हिस्सा है।
गौरतलब है कि, भारती टेलीकॉम द्वारा सिंगापुर के सिंगटेल और अन्य विदेशी कंपनियों से निवेश करने के लिए मंजूरी मांगी गई थी। कंपनी ने यह मंजूरी सरकार से पिछले महीने में और 4,900 करोड़ रुपये की रकम के लिए मांगी थी। इस फैसले के बाद कंपनी विदेशी हो जाएगी। साथ ही Airtel में विदेश की हिस्सेदारी बढ़कर 84% हो जाएगी। बताते चलें कि वर्तमान में सुनील भारती मित्तल और उनके परवार की भारती टेलीकॉम में लगभग 52% हिस्सेदारी है।
Airtel की शुरूआत :
जानकारी के लिए बता दें कि, भारती Airtel भारत की लगभग 24 साल पुरानी कंपनी है। जिसका बिजनेस वर्तमान में पूरी दुनिया के 18 देशों में फैला हुआ है। इस कंपनी की शुरुआत भारती मित्तल द्वारा 7 जुलाई 1995 को दिल्ली से की गई थी।
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