पेट्रोल-डीजल कारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑटो कंपनियों की योजना
पेट्रोल-डीजल कारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑटो कंपनियों की योजनाSocial Media

पेट्रोल-डीजल कारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑटो कंपनियों ने तैयार की योजना

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज काफी तेजी से बढ़ता नज़र आ रहा है।ऐसे में वाहन कंपनियां पेट्रोल-डीजल वाहनों का उत्पादन बढ़ाना चाहती हैं। जिसके लिए कंपनियों ने करोड़ो की योजना तैयार की है।

ऑटोमोबाइल। देश में जब से इलेक्ट्रिक वाहनों की एंट्री हुई है, तब से लोगों में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज काफी तेजी से बढ़ता नज़र आ रहा है। ऐसे में अब पेट्रोल-डीजल वाहनों की बिक्री में हल्की फुल्की गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, पेट्रोल-डीजल कारों की डिमांड कभी कम नही होगी, लेकिन फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज काफी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वाहन निर्माता कंपनियां अब पेट्रोल-डीजल वाहनों का उत्पादन बढ़ाना चाहती हैं। जिसके लिए इन कंपनियों ने करोड़ो की योजना तैयार की है।

कंपनियों की करोड़ो की योजना :

दरअसल, आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल वाहनों का ट्रांसपोर्ट हो सकता हैं। इसलिए, बड़ी घरेलू वाहन कंपनियां पारंपरिक कारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना तैयार कर चुकी है। इस योजना के तहत कंपनियां 21,000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने वाली हैं। इस योजना के माध्यम से Maruti Suzuki, Tata Motors, Mahindra & Mahindra, Kia Motors, Hyundai और Toyota जैसी कंपनियां पेट्रोल-डीजल कारों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना चाहती हैं।

वाहनों की डिलीवरी पेंडिंग :

बताते चलें, कारों की डिमांड का हाल फिलहाल यह है कि, कारों के लिए 20-22 महीने की वेटिंग चल रही है। 8 लाख से ज्यादा कारों की डिलीवरी पेंडिंग में है। इसमें 99% पेट्रोल-डीजल कारें हैं। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ये कंपनियां पेट्रोल-डीजल कारों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर लगभग 20 हजार करोड़ खर्च करने वाली है। इस योजना के तहत निम्नलिखित कंपनियां करेगी इतना खर्च।

कंपनियों की योजना :

Mahindra & Mahindra की योजना :

आगामी एक-डेढ़ साल में SUV मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाकर सालाना 6 लाख करेगी। वर्तमान समय में कंपनी हर साल 3-3.5 लाख SUV तैयार करती है। कंपनी ने उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनी 3 साल में 8,000 करोड़ रुपए खर्च की योजना बनाई है।

Tata Motors की योजना :

Tata Motors की योजना उत्पादन क्षमता सालाना आधार पर 6 लाख से बढ़ाकर 9 लाख करने की है। कंपनी अपने साणंद प्लांट की शुरुआत होने के बाद मासिक उत्पादन क्षमता 25-30 हजार बढ़ा देगी। उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर कंपनी 6,000 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।

Maruti Suzuki की योजना :

Maruti Suzuki द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने हरियाणा में नए प्लांट के निर्माण सहित क्षमता विस्तार की अन्य योजनाएं भी बनाने जा रही है। कंपनी इन पर 7,000 करोड़ रुपए खर्च करने वाली है । इस योजना के तहत कंपनी पेट्रोल-डीजल कारें लॉन्च करेगी।

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