Bengaluru Tech Summit 2020 : सूचना युग में काफी आगे जा सकता है भारत- मोदी

प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु टेक समिट-2020 को किया संबोधित। हमारे पास हैं श्रेष्ठ प्रतिभाएं और बड़ा बाजार भी। तीन दिवसीय इस समित में 25 देशों की 250 कंपनियां और 4,000 प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा।
सूचना युग में काफी आगे जा सकता है भारत : मोदी
सूचना युग में काफी आगे जा सकता है भारत : मोदीRaj Express

बेंगलुरु, कर्नाटका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में विकसित प्रौद्योगिकी को पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण करार देते हुए गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है कि देश में विकसित टेक समाधान विश्व में लागू किए जाएं। श्री मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तीन दिवसीय बेंगलुरु टेक समिट (बीटीएस2020) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की एक देश के तौर पर स्थिति ऐसी है कि वह सूचना युग में काफी आगे जा सकता है। तीन दिवसीय इस टेक समिट में 25 देशों की 250 से अधिक कंपनियां, चार हजार प्रतिनिधि और 20 हजार से अधिक लोग हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की एक देश के तौर पर स्थिति ऐसी है कि वह सूचना युग में काफी आगे जा सकता है। हमारे पास श्रेष्ठ प्रतिभाएं हैं और साथ ही एक बहुत बड़ा बाजार भी है। हमारे स्थानीय टेक समाधानों में वैश्विक होने की संभानाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के नीतिगत निर्णय हमेशा टेक और नवाचार उद्योग को उदार बनाने पर लक्षित होते हैं। उन्होंने कहा कि हमने सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग पर पड़ने वाले अनुपालन के बोझ को कई प्रकार से कम किया है और भारत के लिए एक भविष्योन्मुखी नीति संरचना तैयार की है। आप सभी इस उद्योग के वाहक हैं। हम पूरी तरह सचेत होकर अपने उत्पाद संबंधी नवाचार को उच्च स्तर तक ले जाने का प्रयास कर सकते हैं।

स्पष्ट दिख रहे हैं डिजिटल इंडिया के लाभ :

श्री मोदी ने डिजिटल इंडिया की सफलता का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि आज मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी है कि डिजिटल इंडिया को अब किसी नियमित सरकारी पहल के तौर पर नहीं देखा जा रहा है। डिजिटल इंडिया अब जीवन जीने का एक तरीका बन गया है, विशेष रूप से, गरीबों, अधिकारहीन लोगों और सरकार में काम कर रहे लोगों के लिए। डिजिटल इंडिया के कारण हमारा देश अब, एक अधिक मानव केन्द्रित विकास ²ष्टिकोण का गवाह बन रहा है। इतने बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हमारे नागरिकों के जीवन में बहुत से बदलाव आए हैं। इसके लाभ स्पष्ट दिख रहे हैं।

आयुष्मान भारत की सफलता में प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका :

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने डिजिटल और टेक समाधानों के लिए सफलातपूर्वक एक बड़ा बाजार तैयार कर लिया है और प्रौद्योगिकी को अपनी हर योजना का मुख्य हिस्सा बनाया है। सरकार का शासन मॉडल 'प्रौद्योगिकी पहले' (टेक्नोलॉजी फस्ट) है। प्रौद्योगिकी के जरिए मानव गरिमा में वृद्धि की गई है। लाखों किसान अब एक क्लिक पर वित्तीय सहायता पा रहे हैं। कोविड-19 लॉकडाउन के चरम समय में, यह प्रौद्योगिकी ही थी, जिसने भारत के गरीब को समुचित और तत्काल सहायता सुनिश्चित की। ऐसी राहत पहले बहुत कम मिल सकी है। अगर भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य देखभाल योजना 'आयुष्मान भारत' का सफलतापूर्वक परिचालन कर पा रहा है, तो इसमें भी प्रौद्योगिकी की बहुत बड़ी भूमिका है। इस योजना ने खासतौर से देश के गरीब तबके को मदद पहुंचाई है। अब उन्हें भारत के किसी भी हिस्से में उच्चस्तरीय और वहन योग्य चिकित्सा सुविधा पाने को लेकर कोई चिंता नहीं रही है।

कोविड-19 हमारे रास्ते का मोड़ था, अंत नहीं :

प्रधानमंत्री ने कहा, कोविड-19 महामारी हमारे रास्ते का मोड़ था, अंत नहीं। एक दशक में जितनी प्रौद्योगिकी इस्तेमाल नहीं की जा सकती थीं, उतनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सिर्फ कुछ महीनों में ही शुरू हो गया। कहीं से भी काम करना एक कायदा बन गया, जो अभी बना रहेगा। भविष्य में हम शिक्षा, स्वास्थ्य, खरीददारी और अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ते हुए देखेंगे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारिसन ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया लोकतंत्र और प्रौद्योगिकी को लेकर समान दृष्टिकोण रखते हैं इसलिए दोनों देश मिलकर लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।

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