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होली पर महंगाई का साया, चीनी उत्पादों के बहिष्कार के बीच 30 से 50 फीसदी बढ़े रंग और पिचकारी के दाम

चीनी पिचकारियों के बहिष्कार के चलते भारतीय पिचकारियां ही बाजार में हैं। इस वजह से भाव पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 फीसदी ज्यादा हैं। इनकी कीमतें 150 रुपये से शुरु होकर 1000 रुपये तक जा पहुंची हैं।

राज एक्सप्रेस, नई दिल्ली। इस बार होली पर महंगाई का साया साफ दिखाई दे रहा है। लोगों को रंगों के त्योहार होली पर महंगाई की मार से जूझना पड़ेगा। होली के अवसर पर प्रयोग किए जाने वाले सभी उत्पादों के दाम इस बार पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 फीसदी तक बढ़े हुए है। बाजार में हर्बल रंगो के साथ-साथ पिचकारियों की दुकानें सज गई हैं।

इस बार बच्चों के बीच मोटू पतलू, बार्बी डॉल, डोरेमॉन, हल्क, फिश, अंब्रेला, टैंक और स्कूल बैग जैसी पिचकारी डिमाड में हैं। पिचकारियों की रेंज तो विस्तृत है, लेकिन इनकी कीमतें परेशान करने वाली हैं। इस बार इनकी कीमतें 40 से 50 फीसदी तक बढ़ी हुई हैं। चीनी उत्पादों के बहिष्कार की वजह से चीनी रंग और पिचकारियां बाजार से गायब हैं।

बाजार में घरेलू उत्पादों की भरमार है, लेकिन उनके दाम सामान्य उपभोक्ता को परेशानी में डालने वाले है। चीनी पिचकारियों के बहिष्कार के चलते, भारतीय पिचकारियां ही बाजार में उपलब्ध हैं। भारतीय उत्पादन में कमी के चलते पिचकारियों के भाव पिछले साल के मुकाबले 40 से 50 फीसदी ज्यादा हैं। बाजार में 150 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक पिचकारियां उपलब्ध हैं। बढ़े हुए दाम लोगों को थोड़े चुभ रहे हैं, कुछ लोग इस बात से प्रसन्न हो सकते हैं कि पिचकारियां मेड इन इंडिया हैं।

होली के पकवानों पर महंगाई की मार

रंग और पिचकारियों के अलावा होली पर खानपान का भी विशेष महत्व है। इस बार महंगाई की मार होली के पकवानों को फीका कर सकती है दूध, खोया, चीनी, तेल और मेवा सब पर महंगाई की मार साफ दिखाई दे रही है। दिल्ली की सबसे पुरानी खोया मंडी इन दिनों होली के रंग में रंगी हुई है। होली पर खोया एक अहम उत्पाद है, लेकिन भारी भरकम दामों की वजह से खोया में पिछले सालों जैसी खरीदारी नहीं दिखाई दे रही है। जैसे-जैसे होली नजदीक आ रही है, खोया की कीमतें वैसे-वैसे बढ़ती जा रही हैं। पिछले 10 दिन में खोया की कीमत में 100 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। इस बीच खोया 250 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 350 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।

खोया, मेवा, चीनी और दूध सब हुआ महंगा

खोया की महंगाई की वजह से मिठाइयों के दाम बढ़ गए है। मिठाई की कीमतें प्रति किलो 150 रुपए तक बढ़ चुकी है। मिठाई खास कर परंपरागत गुझिया, होली के जश्न का अहम हिस्सा होती है। इस पर भी महंगाई का असर दिखाई देगा। पिछले 6 माह में दूध की कीमत में 5 से 10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। चीनी और रिफाइड तेल भी महंगे हुए हैं। सूखे मेवों की फुटकर कीमतें 15 से 20 फीसदी बढ़ी हैं। काजू 800 रुपए और बादाम 700 रुपए किलो से कम कीमत पर बाजार में कहीं उपलब्ध नहीं है। यह स्थिति बताती है कि इस बार होली के अवसर पर घर पर बनने वाले पकवानों पर महंगाई की मार साफ नजर आएगी।

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