ब्लैक फ्राइडे
ब्लैक फ्राइडेSyed Dabeer Hussain - RE

ब्लैक फ्राइडे : जानिए ब्लैक फ्राइडे क्या है? इसे कब और क्यों मनाया जाता है?

ब्लैक फ्राइडे पर लोग क्रिसमस की शॉपिंग करने के लिए अपने घरों से निकलते हैं, जिससे बाजार खचाखच भर जाता है। इस दिन बाजार में सामान पर अच्छा डिस्काउंट दिया जाता है।

राज एक्सप्रेस। इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर ब्लैक फ्राइडे सेल चल रही है। जहां सामान पर अच्छा-खासा डिस्काउंट दिया जा रहा है। हालांकि ब्लैक फ्राइडे सेल को देखकर कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि हमने गुड फ्राइडे के बारे में तो सुना हैं, लेकिन यह ब्लैक फ्राइडे क्या है? यह कब और क्यों मनाया जाता है? इसका कारण यह है कि ब्लैक फ्राइडे भारत में ज्यादा प्रचलित नहीं हैं और बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं।

ब्लैक फ्राइडे क्या है?

दरअसल ब्लैक फ्राइडे को ईसाइयों के पवित्र त्योहार क्रिसमस की शॉपिंग के लिए जाना जाता है। ब्लैक फ्राइडे पर लोग क्रिसमस की शॉपिंग करने के लिए अपने घरों से निकलते हैं, जिससे बाजार खचाखच भर जाता है। इस दिन बाजार में सामान पर अच्छा डिस्काउंट दिया जाता है। इससे ग्राहकों को कम दाम पर सामान मिल जाता है, जबकि बिक्री बढ़ने से दुकानदार को भी बढ़िया मुनाफा मिल जाता है।

ब्लैक फ्राइडे कब मनाया जाता है?

अमेरिका और कनाडा में हर साल नवंबर के चौथे गुरुवार को ‘थैंक्स गिविंग डे’ मनाया जाता है। ‘थैंक्स गिविंग डे’ के बाद आने वाले शुक्रवार को ‘ब्लैक फ्राइडे’ मनाया जाता है। शुरुआत में यह दिन सिर्फ अमेरिका और कनाडा में ही मनाया जाता था। लेकिन समय के साथ-साथ अन्य देशों में भी ब्लैक फ्राइडे मनाया जाने लगा है।

क्यों मनाया जाता है ब्लैक फ्राइडे?

इस दिन को ब्लैक फ्राइडे कहने के पीछे तीन अलग-अलग कहानी है। कहा जाता है कि साल 1869 में वॉल स्ट्रीट के दो बड़े फाइनैंसर्स ने यह सोचकर भारी मात्रा में सोना खरीद लिया था कि आगे चलकर दाम बढ़ने से उन्हें मुनाफा होगा। लेकिन 24 सितंबर 1869 शुक्रवार को अमेरिकी गोल्ड मार्केट धाराशयी हो गया।

दूसरी कहानी यह है कि पहले अमेरिकी व्यापारी हिसाब-किताब में मुनाफे को काली स्याही जबकि घाटे को लाल स्याही से लिखते थे। ऐसे में ज्यादातर व्यापारी सालभर लाल स्याही का उपयोग करते थे, लेकिन ‘थैंक्स गिविंग डे’ के अगले दिन शुक्रवार से लोग क्रिसमस के लिए शॉपिंग करने बाजार पहुँचते थे। इससे उन्हें मुनाफा होता और वह काली स्याही से हिसाब-किताब लिखना शुरू कर देते थे।

तीसरी कहानी यह है कि ‘थैंक्स गिविंग डे’ के अगले दिन शुक्रवार को बाजार में सामान खरीदने के लिए लोगों की भीड़ जुट जाती है। ऐसे में बुरी तरह से ट्रैफिक जाम हो जाता है। साथ ही लूटपाट की आशंका भी बनी रहती है। इसके चलते पुलिस अधिकारियों का काम बढ़ जाता है और उन्हें देर तक काम करना पड़ता है। ऐसे में 50 के दशक में फिलाडेलफिया के पुलिस अधिकारियों ने ‘थैंक्स गिविंग डे’ के अगले दिन शुक्रवार को ब्लैक फ्राइडे कहना शुरू कर दिया था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com