उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाकर हम बना सकते हैं विश्व स्तर पर प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में जगह

गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक की देश की देश से होने वाले कुल निर्यात में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कुल निर्यात का 80% देश के 62 जिलों से होता है।
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Inauguration of Sourcex India ईaj Express
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हाईलाइट्स

  • देश का 65 प्रतिशत माल 4 राज्यों से होता है एक्सपोर्ट

  • निर्यात करने वाले राज्यों की प्रति व्यक्ति आय भी है अधिक

  • निर्यात से कारोबारी को ही फायदा नहीं, दूसरे भी होते हैं लाभान्वित

राज एक्सप्रेस । गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों की देश की देश से होने वाले कुल निर्यात में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी तरह जिला स्तर पर देखें तो 80 प्रतिशत निर्यात देश के 62 जिलों से किया जाता है। देश से किए जाने वाले निर्यात और प्रति व्यक्ति आय की तुलना की जाए, तो जिन राज्यों में निर्यात अधिक होता है, वहां प्रति व्यक्ति आय भी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।

विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने नई दिल्ली में आयोजित सोर्सेक्स इंडिया के दूसरे एडीशन का उद्घाटन करते हुए बताया कि निर्यात से होने वाली आय केवल निर्यातकों तक ही सीमित नहीं रहती। इसका लाभ समाज के अन्य वर्गों तक भी जाता है।इस आयोजन में 30 से ज्यादा देशों के 100 से अधिक खरीदार हिस्सा ले रहे हैं। इसमें लगभग 150 भारतीय ब्रांड प्रदर्शित किए गए हैं।

निर्यातकों के संगठन फियो के इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सारंगी ने कहा भारतीय निर्यातकों को इस सम्मेलन तथा विदेश व्यापार समझौतों (एफटीए) का इस्तेमाल अपने ब्रांड को विश्व स्तर पर पहचान बनाने में करना चाहिए। सारंगी ने कहा इस सम्मेलन के अगले संस्करणों में भारतीय ब्रांड के साथ खरीदारों की संख्या भी कई गुना बढ़ाने की कोशिश की जानी चाहिए।

उन्होंने इस आयोजन की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुे कहा कि ऐसे सम्मेलनों से छोटे और मझोले उपक्रमों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से रूबरू होने का मौका मिलता है। दूसरे देशों में होने वाले ऐसे कार्यक्रमों में भारत से बहुत कम एसएमई भाग ले पाते हैं। फियो के नवनिर्वाचित अध्यक्ष इसरार अहमद ने इस मौके पर कहा कि यह सम्मेलन वैश्विक स्तर पर भारतीय ब्रांड को दिखाने का बेहतरीन मौका है।

यह सिर्फ प्रदर्शनी नहीं है, भारतीय ब्रांड को ग्लोबल स्तर पर लांच करने का एक अहम अवसर भी है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में बी2बी बैठकें, नॉलेज शेयरिंग सेशन और इंटरएक्टिव वर्कशॉप आयोजित की जाएंगी। इस दौरान भारतीय कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की दिलचस्पियों को समझने का अवसर मिलेगा। इससे उन्हें अपना निर्यात बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

फियो के महानिदेशक और मुख्य कार्यकारी डॉ अजय सहाय ने कहा भारत ने 2030 तक दो लाख करोड़ डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन इस लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास घरेलू स्तर पर वह सब कुछ मौजूद है, जिसकी मदद से हम विश्व स्तर पर प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित हो सकें।

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