हाइलाइट्स:
1.2 बिलियन डॉलर का लिया था कर्ज।
Byju's के हर महीने करीब 150 करोड़ के खर्चे और 30 करोड़ रुपये की कमाई होती रही।
बंद करनी पड़ सकती है कंपनी।
एडटेक कंपनी Byju's के फाउंडर बायजू रवींद्रन की नेटवर्थ शून्य हो गई है। बायजू रविंद्रन (Byju Raveendran) पिछले साल फोर्ब्स की बिलेनियर लिस्ट में शामिल थे। इस साल लिस्ट से निकाले गए चार लोगों में उनका नाम शामिल है। जिसके बाद ही उनकी नेटवर्थ शून्य हो जाने का खुलासा हुआ है। पिछले साल इस ही समय उनकी नेटवर्थ 2.1 बिलियन डॉलर (करीब 17,545 करोड़ रुपये) थी।
भारत की प्रचलित एडटेक कंपनी Byju's पिछले काफी समय से वित्तीय संकट से गुजर रही थी। इस संकट से उभरने के लिए रवींद्रन ने अपना घर गिरवी रखा था। हालात सुधारने के लिए कंपनी ने पिछली एक साल में हजारों कर्मचारियों को नौकरी से भी निकाला है।
कैसे हुआ Byju's का पतन ?
एक समय पर भारत की सबसे पॉपुलर एडटेक कंपनी Byju's, अब गहरे वित्तीय संकट में है। इसकी वजह कंपनी के लिए गलत फैसले और प्लानिंग है। कोरोना के समय कंपनी ने अच्छा मौका देखते हुए कई कंपनियों को खरीदा था। बिजनेस में इस विस्तार के बाद, इसे चलाने के लिए अधिक फंड की आवश्यकता थी। ऐसे में कंपनी ने 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया। इस दौरान कोरोना का असर कम हो गया और बच्चे फिर स्कूल जाने लगे, जिससे बायजूस के यूजर्स घट गए। वहीं बायजूस पर ब्याज बढ़ता गया और कर्ज महंगा हो गया।
इन हालातों में रवींद्रन (Byju Raveendran) से एक और गलती हो गई। उन्होंने कारोबार को बढ़ाने के लिए तीन बिजनेस में पैसा लगाया। ये ऑनलाइन लर्निंग, ऑफलाइन ट्यूशन और एसडी कार्ड व टेबलेट कोर्स की सेल के बिजनेस थे। इसके बाद भी कंपनी की कमाई उम्मीद के हिसाब से नहीं बढ़ी। बायजूस के हर महीने करीब 150 करोड़ के खर्चे होते थे। जबकि कमाई सिर्फ 30 करोड़ रुपये तक होती रही। कंपनी को लगातार बिजनेस में नुकसान होता चला गया। ऐसे में कंपनी वित्तीय संकट में और गहरी डूबती गई।
2011 में हुई थी कंपनी की शुरुआत
साल 2011 में बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने थिंक एंड लर्न नाम की कंपनी बनाई। इस कंपनी ने 2015 में Byju's एप लांच किया। यह एप कंपनी के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ और Byju's एडटेक क्षेत्र में देश की नंबर-1 कंपनी बन गई।
कंपनी बंद करने की नौबत
Byju's के लगातार गहराते वित्तीय संकट से उभरने के अब कोई रास्ते नजर नहीं आ रहे। ऐसे में Byju's के पास अब कंपनी को बेचकर कर्ज चुकाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। Byju's के पास एपिक (Epic), ग्रेट लर्निंग (Great Learning) और आकाश (Akash) तीन कंपनियां है। इन सभी को बेचकर रवींद्रन करीब 1.4 से 1.5 बिलियन डॉलर तक की रकम जुटा सकते हैं।
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