रूस और यूक्रेन युद्ध का बुरा प्रभाव, दस गुना बढ़ा कार्गो का किराया

जब भी दो देशों के बीच युद्ध होता है तो, उसका बुरा प्रभाव उन देशों के साथ ही कई अन्य देशों पर भी नजर आता है। ऐसा ही कुछ रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण हो रहा है।
रूस और यूक्रेन युद्ध का बुरा प्रभाव, दस गुना बढ़ा कार्गो का किराया
रूस और यूक्रेन युद्ध का बुरा प्रभाव, दस गुना बढ़ा कार्गो का किरायाSocial Media

Impact of Russia-Ukraine War : जब भी दो देशों के बीच युद्ध होता है तो, उसका बुरा प्रभाव उन देशों के साथ ही कई अन्य देशों पर भी नजर आता है। ऐसा ही कुछ रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण हो रहा है। इसके दुष्प्रभाव अब नजर आने लगे हैं। चाहे वो भारत हो या कोई अन्य देश। इस युद्ध का सबसे बुरा प्रभाव किसी भी देश के व्यापार पर भी नजर आरहा है।

रूस और यूक्रेन युद्ध का बुरा प्रभाव :

दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण अब तक कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल चुके हैं। इससे कई देशों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी के तहत पूरी दुनिया में कंटेनर रेट्स और इंश्योरेंस कॉस्ट में काफी तेजी देखने को मिली है। जी हां, यूक्रेन पर रूस का सैन्य अभियान या कहे जंग का ऐलान करने के बाद से कंटेनर के रेट में दस गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। इसका सीधा असर देश में आयात होने वाली वस्तुओं पर पड़ रहा है। क्योंकि इनकी कीमत में काफी बढ़त दर्ज की जा रही है। ऐसा हाल तब देखने को मिल रहा है। जब शिपिंग इंडस्ट्री पहले ही जहाजों और कंटेनर्स की कमी से परेशान है। रूस पर कई देशों द्वारा लगाई गई पाबंदियों के चलते ही यह हालात बदतर होते जा रहे हैं।

INSA के CEO का कहना :

इस मामले में सामने आइए एक रिपोर्ट की मानें तो, इंडियन नैशनल शिपऑनर्स एसोसिएशन (INSA) के CEO अनिल देवली ने कहा गया है कि, 'पिछले 10 दिन में टैंकर्स और जहाजों का डेली रेट 3,000 डॉलर से बढ़कर 30,000 से 40,000 डॉलर हो गया है। जहाजों का वार रिस्क प्रीमियम भी तीन से पांच फीसदी बढ़ गया है। कई विदेशी जहाज ब्लैक सी और अजोव सागर के आसपास फंसे हुए हैं। टोटल ट्रांसपोर्ट सॉल्यूशंस लिमिटेड के मार्कंड प्रधान ने कहा कि फ्रेट में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। पहले 20 फीट के कंटेनर का सेंट पीटरबर्ग से मुंबई का किराया 6,000 डॉलर हुआ करता था जो अब 17,000-18,000 डॉलर पहुंच गया है। रूसी जहाजों की मांग में गिरावट से संकट बढ़ गया है। शिपिंग कंपनियों को डर है कि रूस कार्गो ले जाने से उनपर प्रतिबंध लग सकता है। रूस से कोकिंग कोल का आयात भी प्रभावित होने की आशंका है।'

भारत और रूस के व्यापार पर दिख सकता है असर :

बीते दिनों भारत कजी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस युद्ध के चलते भारत ,इ महंगाई बढ़ने की बात कही थी। वहीं, अब भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय कारोबार पर असर पड़ने की बात फिरसे सामने आई है। अब तक भारत रूस को 2.6 अरब डॉलर का निर्यात करता है और वहां से 5.5 अरब डॉलर का आयात करता है। इस मामले में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) के CEO अजय सहाय का कहना है कि, 'इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में फ्रेट रेट्स में कमी की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन रूस और यूक्रेन में लड़ाई लंबी चली तो फिर हाल-फिलहाल इसकी संभावना नहीं है।'

गौरतलब है कि, यदि हम INSA के आंकड़ों की मानें तो रूसी शिपिंग कंपनियों के पास लगभग 3,000 जहाज हैं जिनकी कुल क्षमता 1.81 करोड़ टन बताई जा रही है। जबकि यह दुनिया की कुल क्षमता का लगभग 1.2% है जबकि भारतीय जहाजों की कुल क्षमता 0.8% है।

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