GVK ग्रुप के चेयरमैन और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज

GVK ग्रुप के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा (GVK) रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है। CBI द्वारा दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।
Case filed against GVK Group Chairman and his son
Case filed against GVK Group Chairman and his sonKavita Singh Rathore -RE

राज एक्सप्रेस। भारत में आज बैंक के साथ घोटाले करना एक आम सी बात हो गई है। बीते दिनों पहले कमलनाथ के भांजे MBSL निदेशक दीपक पुरी और रतुल पुरी के खिलाफ एक मामला सामने आया था। वहीं अब GVK ग्रुप के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा (GVK) रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी के खिलाफ एक मामला सामने आया है। इस मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दोनों के खिलाफ 705 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है।

CBI ने की कार्यवाही :

दरअसल, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा GVK ग्रुप के चेयरमैन जी वेंकट कृष्णा (GVK) रेड्डी और उनके बेटे जीवी संजय रेड्डी सहित एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कई अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर 705 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। साथ ही इन पर कई अन्य आरोप भी लगे हैं।

क्या है मामला :

बताते चलें, GVK एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और कुछ विदेशी कंपनियों द्वारा एक जॉइंट वेंचर के जरिए मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) नाम की एक कंपनी शुरू की गई थी। इसके बाद 4 अप्रैल, 2006 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के साथ समझौता कर मुंबई हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण, रखरखाव और संचालन किया गया। इसके बाद साल 2012 से 2018 के बीच मुंबई एयरपोर्ट के डेवलपमेंट के नाम से कंपनी सरप्लस फंड के पैसे को गलत तरफ से इस्तेमाल करती रही। वहीं दूसरी तरफ GVK ग्रुप ने MIAL के सरप्लस फंड की रकम से 395 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपनी दूसरी कंपनियों के लिए किया।

फंड के पैसा :

खबरों के अनुसार, MIAL कंपनी मुंबई में थी परंतु इसके बाद भी कंपनी के सरप्लस फंड के पैसे हैदराबाद के बैंकों में रखे गए थे। इसके अलावा CBI ने बताया है कि, GVK ग्रुप ने अपने मुख्यालय और ग्रुप की अन्य कंपनियों के कर्मचारियों को भुगतान के रूप में MIAL के खर्च के आंकड़ों को बढ़ाने का आरोप भी लगा है। जबकि, MIAL के संचालन में यह भुगातन शामिल नहीं था और AAI को राजस्व को हानि दिखाई गई थी।

MIAL में किसकी हिस्सेदारी :

बताते चलें कि, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) के बीच साल 2006 में एक समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत यह बात तय हुई थी कि मुंबई एयरपोर्ट का संचालन MIAL करेगी और AAI को फीस के तौर पर सालाना 38.7% रेवेन्यू का देगी। शेयर की बात करें तो, MIAL में 50.5% शेयर GVK ग्रुप के पास और 26% शेयर AAI के पास रहने की डील हुई थी।

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