चीन की ईवी मेकर लीपमीटर ने शुरू की भारत आने की तैयारी, जल्द कर सकती है घोषणा

चीन की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी लीपमोटर ने भारत में प्रवेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी अगले सप्ताहों में भारत में निवेश की घोषणा कर सकती है।
चीनी ईवी मेकर लीपमोटर ने शुरू की भारत आने की तैयारी
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हाईलाइट्स

  • लीपमोटर और स्टेलेंटिस के बीच हाल ही में हुई है साझेदारी

  • स्टेलेंटिस के साथ मिलकर भारत आना चाहती है लीपमोटर

  • स्टेलंटिस पहले से ही भारतीय बाजार में कर रही है कारोबार

राज एक्सप्रेस । चीन की किफायती इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी लीपमोटर ने भारतीय बाजार में प्रवेश करने की तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि वह अगले कुछ सप्ताहों में भारत में निवेश की घोषणा कर देगी। लीपमोटर अपनी बाजार हिस्सेदारी मौजूदा 20% से बढ़ाकर 25% करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लीपमोटर और स्टेलेंटिस के बीच हाल ही में साझेदारी हुई है। इसके बाद ही इस चर्चा को बल मिला है कि लीपमोटर संयुक्त उद्यम के रूप में भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रही है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लीपमोटर इस संबंध में वैश्विक वाहन निर्माता समूह स्टेलंटिस के साथ मिलकर अपनी भारत में निवेश संबंधी योजना की घोषणा अगले कुछ सप्ताहों में करेगा।

किफायती इलेक्ट्रिक कारों के लिए जानी जाती है लीपमोटर

सूत्रों ने बताया कि यदि भारत सरकार से स्वीकृति मिली तो लीपमोटर और स्टेलंटिस भारत में संयुक्त निवेश की घोषणा अगले कुछ सप्ताहों में कर सकते हैं। लीपमोटर अपनी किफायती इलेक्ट्रिक कारों को भारत में लॉन्च करने को लेकर बेहद उत्साहित है। यह तय माना जा रहा है कि लीपमोटर के आने के बाद देश के हरित वाहन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और तेज हो जाएगी। दुनिया की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनियों में स्टेलंटिस की भी गिनती होती है। यह कंपनी सिट्रोएन, जीप, क्रिसलर, प्यूजोट, फिएट और मासेराटी जैसी कई ख्यातिप्राप्त ब्रांडों का संचालन करती है। स्टेलंटिस पहले से ही जीप और सिट्रोएन के माध्यम से भारतीय बाजार में मौजूद है।

चीनी कंपनियों को जांच परख के बाद ही मिलती है मंजूरी

स्टेलंटिस अब भारत में अपने परिचालन का विस्तार करने, नई ब्रांड लॉन्च करने, रिटेल नेटवर्क मजबूत करने और नए निवेश करने की योजना बना रही है। भारत सरकार हाल के दिनों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन लीपमोटर के साथ एक मुश्किल यह है कि वह चीन की कंपनी है। भारत सरकार उन कंपनियों के निवेशों पर कड़ी जांच करती है, जो भारत के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं। आपको याद होगा कि इसी वजह से बीवाईडी को स्थानीय भागीदार के साथ भारत में निवेश करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा था। इसी तरह, चीन के एसएआईसी समूह के स्वामित्व वाली एमजी मोटर्स को भी भारतीय कंपनी जेएसडब्ल्यू के साथ साझेदारी करनी पड़ी थी।

स्टेलंटिस ने लीपमोटर में खरीदी लगभग 20% हिस्सेदारी

जेएसडब्ल्यू समूह ने एमजी मोटर में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदी है। दोनों के बीच अगले कुछ सालों में इसे 51% तक ले जाने का समझौता हुआ है। पिछले साल अक्टूबर में स्टेलंटिस ने लीपमोटर में लगभग 20% हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। दोनों कंपनियों के बीच, एक नई संयुक्त उद्यम कंपनी, लीपमोटर इंटरनेशनल के गठन का भी निर्णय लिया गया है। यह संयुक्त उद्यम 51% स्टेलंटिस के स्वामित्व वाली कंपनी होगी और ग्रेटर चीन के बाहर लीपमोटर उत्पादों के निर्यात, बिक्री और निर्माण की निगरानी करेगी। माना जा रहा है कि भारत में प्रवेश की योजनाओं का नेतृत्व इसी नई निर्यात उन्मुख इकाई द्वारा किया जाएगा।

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