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कॉग्निजेंट शेयरों के बायबैक पर 'लाभांश वितरण कर' के भुगतान के प्रति उत्तरदायी : आईटीएटी

आईटीएटी ने कॉग्निजेंट के एक मामले की सुनवाई में कहा कि कंपनी 19,000 करोड़ रुपये के शेयरों के बायबैक पर लाभांश वितरण कर का भुगतान करने के प्रति उत्तरदायी है।

हाईलाइट्स

  • अपने खुद के शेयरों की खरीद के लिए कंपनी द्वारा किए गए भुगतान पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 2(22) के प्रावधान लागू होते हैं

  • आयकर अधिनियम की इस धारा के अनुसार, जब कोई कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभ प्रदान करती है, चाहे वह नकदी हो या संपत्ति के रूप में, तो इसे लाभांश माना जाता है

राज एक्सप्रेस। इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (आईटीएटी) की चेन्नई पीठ ने कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस इंडिया के एक मामले की सुनवाई में कहा कि कंपनी 19,000 करोड़ रुपये के शेयरों के बायबैक पर लाभांश वितरण कर का भुगतान करने के प्रति उत्तरदायी है। यह फैसला सुनाते हुए इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कंपनी की अपील को खारिज कर दिया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट की ओर से स्वीकृत योजना के अनुसार अपने खुद के शेयरों की खरीद के लिए कंपनी द्वारा किए गए भुगतान पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 2(22) के प्रावधान लागू होते हैं।

आयकर अधिनियम की इस धारा के अनुसार, जब कोई कंपनी अपने शेयरधारकों को अपना कोई संचित लाभ प्रदान करती है, चाहे वह नकदी हो या फिर संपत्ति के रूप में हो, तो इसे लाभांश माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि यदि कंपनी अपने शेयरधारकों को नकदी या संपत्ति, जैसे शेयर, वितरित करती है, तो इसे कर उद्देश्यों के लिए लाभांश माना जाता है। दरअसल, 2017-18 में कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस ने मद्रास हाईकोर्ट की ओर से मंजूर एक स्कीम के तहत अमेरिका और मॉरीशस स्थित अपने शेयरधारकों से 10 रुपये फेस वैल्यू के 94,00,534 इक्विटी शेयर खरीदे थे। यह खरीद 20,297 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से कुल 19,080.26 करोड़ रुपये में की गई।

कंपनी द्वारा दायर रिटर्न की जांच करने पर असेसिंग ऑफिसर ने पाया कि कंपनी लाभांश वितरण कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है। इसका आधार यह था कि कॉग्निजेंट द्वारा अपने शेयरधारकों को किया गया भुगतान, आयकर अधिनियम की धाराओं के तहत पूंजी में कमी के अलावा कुछ नहीं था। नतीजतन कंपनी से 4,853.42 करोड़ रुपये की मांग की गई। कॉग्निजेंट ने इस निर्णय का विरोध किया और इसके बाद कॉग्निजेंट ने कमीशन ऑफ इनकम टैक्स (अपील्स) में अपील की। अपील पर सुनवाई करते हुए असेसिंग ऑफिसर के पूर्व फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद कंपनी यह मामला लेकर आईटीएटी की चेन्नई पीठ के समक्ष ले गई। लेकिन कंपनी को अपीलीय न्यायाधिकरण ने भी कंपनी को कोई राहत नहीं दी और माना कि कॉग्निजेंट लाभांश वितरण कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है।

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