Adani और Hindenburg मामले पर जांच के लिए गठित की गई कमेटी
Adani और Hindenburg मामले पर जांच के लिए गठित की गई कमेटीSyed Dabeer Hussain - RE

Adani और Hindenburg मामले पर जांच के लिए गठित की गई कमेटी, केंद्र ने SC से कहा ये

सुप्रीम कोर्ट में Adani और Hindenburg मामला सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था। वहीँ, आज इस मामले में केंद्र सरकार ने जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी बनाने का ऐलान किया है।

राज एक्सप्रेस। Hindenburg रिपोर्ट के चलते इन दिनों Adani Group का नाम अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। शुक्रवार को अडाणी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़ी दो जनहित याचिकाओं (PIL) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। उस दिन यह मामला सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था। वहीँ, आज यानी सोमवार को इस मामले में केंद्र सरकार ने जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी बनाने का ऐलान किया है।

एक्सपर्ट कमेटी बनाने का लिया फैसला :

दरअसल, देशभर में पिछले महीने से ही Hindenburg और Adani Group मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। यह मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को भी होने वाली थी। इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में Hindenburg और Adani Group मामले की जांच करने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने का फैसला किया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, 'केंद्र सरकार को भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति नियुक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है और सेबी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।'

केंद्र को फिर कोर्ट में उपस्थित होने के दिये आदेश :

बताते चलें, इस मामले पर ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से शुक्रवार 17 फरवरी को फिर कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है और उस दिन केंद्र को इस एक्सपर्ट कमेटी के बारे में जानकारी देने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस पर केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि, 'वह नियामक तंत्र पर प्रस्तावित पैनल के लिए डोमेन विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को देना चाहता है। शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है।'

केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया :

केंद्र सरकार ने हालांकि मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि, 'व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है। केंद्र सरकार और सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं। सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं। हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं।'

सॉलिसिटर जनरल ने जताई आशंका :

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आशंका जताते हुए कहा कि, 'पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। शीर्ष अदालत ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अदाणी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।'

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