देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा, 8 दिसंबर को खत्म सप्ताह में 2.816 बिलियन डॉलर बढ़ी विदेशी मुद्रा
हाईलाइट्स
देश का मुद्रा भंड़ार बढ़कर 606.859 बिलियन डॉलर हो गया।
2021 में सर्वकालिक हाई पर पहुंच गया था देश का विदेशी मुद्रा भंडार।
स्वर्ण भंडार 199 मिलियन डॉलर घटकर 47.13 बिलियन डॉलर बचा।
राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) हर सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार के आंकड़े जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 दिसंबर 2023 को खत्म सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.816 बिलियन डॉलर बढ़कर 606.859 बिलियन डॉलर हो गया है। वहीं, इससे पिछले सप्ताह 6.107 बिलियन डॉलर बढ़ोतरी के साथ कुल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 604.042 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था। यह 4 महीने का उच्चतम स्तर है। बता दें कि अक्टूबर 2021 में, देश का विदेशी मुद्राभंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई तक पहुंच गया था।
देश के स्वर्ण भंडार में देखने में आई गिरावट
बता दें अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 बिलियन डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई के आकड़ों के अनुसार 8 दिसंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा मंडार 3.089 अरब डॉलर बढ़कर 536.699 बिलियन डॉलर हो गया है। स्वर्ण भंडार में भी गिरावट देखने में आई है। आरबीआई ने अपने बयान में बताया कि इस सप्ताह के दौरान सोने का भंडार 199 मिलियन डॉलर घटकर 47.13 बिलियन डॉलर रह गया है।
एफआईआई के निवेश से बढ़ा विदेश मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक के विशेष आहरण अधिकार 63 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 18.188 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर घटकर 4.842 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है। बताया जाता है इस समय विदेशी पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स भारतीय शेयर बाजार में जमकर निवेश कर रहे हैं। उनकी गतिविधियां बढ़ने से आठ दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है।
फॉरेन करेंसी एसेट्स में हुई बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान भारत की विदेशी मुद्रा आस्तियां (फारेन करेंसी ऐसेट्स या एफसीए) बढ़ी हैं। एफसीए में 3.09 बिलियन की बढ़ोतरी हुई है। अब अपना एफसीए भंडार 536.70 बिलियन डालर हो गया है। उल्लेखनीय है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा आस्तियां या फॉरेन करेंसी असेट (एफसीए) एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं में आई घट-बढ़ के प्रभावों को भी शामिल किया जाता है।
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