Court instructs the government to travel for others in Mumbai local train
Court instructs the government to travel for others in Mumbai local trainSocial Media

मुंबई लोकल ट्रेन में अन्य के यात्रा करने हेतु कोर्ट ने सरकार को दी हिदायत

मुंबई में लोकल ट्रेनें शुरू होने के बाद भी इनमें अन्य सामान्य लोग सफर नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को नसीयत दी है।

मुंबई। कोरोनावायरस के चलते देश में हुए लॉकडाउन के दौरान सभी यातायात की सभी सुविधाएं ठप्प पड़ी थीं। इसमें भारतीय रेल सेवाएं, सभी हवाई सरकारी बसें, मेट्रो और मुंबई चलने वाली लोकल ट्रेनें भी बंद थीं। हालांकि, धीरे-धीरे करके लगभग ट्रेनें हवाई यात्राएं शुरू होने के बाद मुंबई में कुछ जरूरी सेवाओं से सम्बंधित लोगों के लिए कुछ लोकल ट्रेनें भी शुरू की गई थीं, परंतु अभी तक इन लोकल ट्रेनों में अन्य सामान्य लोग सफर नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को नसीयत दी है।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को दी हिदायत :

दरअसल मुंबई में चलने वाली लोकल ट्रेनों में अन्य लोग भी यात्रा कर सकें, इसके लिए महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट याचिका दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार को हिदायत देते हुए कहा है कि, 'सरकार को कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे आम लोग भी लोकल ट्रेन में सफर कर सकें। क्योंकि, लोगों की नौकरियां जा रही हैं।' इसके अलावा सरकार ने इस मामले पर सरकार को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है, हाईकोर्ट ने कहा है कि, सरकार एक सप्ताह के अन्दर जवाब दे।'

बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका :

बताते चलें, बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सभी वकीलों को मुंबई की लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। बार काउंसिल का दावा है कि, वह दोनों राज्यों के 1,75,000 से ज्यादा वकीलों का प्रतिनिधित्व करता है। इस मामले की सुनवाई करने वाले मुख्य जज दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने वकीलों द्वारा दायर की गई एक अन्य याचिका पर भी सरकार से एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है।

वकीलों की याचिका :

खबरों के अनुसार, वकीलों द्वारा दायक की गई याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट से अनुरोध किया गया है कि, राज्य की कंस्यूमर कोर्ट्स को भी मुकदमों की सुनवाई करने की अनुमति दी जाए। भले यह सुनवाई सामान्य हो या ऑनलाइन। किसी भी तरीके से सुनवाई हो सके। इस याचिका की सुनवाई में जजों की पीठ ने कहा कि, राज्य सरकार को कोई ऐसा उपाय निकालना होगा, जिससे सामान्य लोग भी मुंबई में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकें।

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