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नियम तोड़कर अडाणी को दिया गया धारावी प्रोजेक्ट बहरीन की सेकलिंक टेक्नालॉजीज ने कोर्ट में लगाया आरोप

बहरीन की सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने धारावी के विकास के प्रोजेक्ट को लेकर अडा़णी समूूह को कोर्ट में चुनौती दी है। उसका कहना है यह प्रोजेक्ट लगत तरीके से दिया गया।

हाईलाइट्स

  • सेकलिंक ने आरोप लगाया महाराष्ट्र सरकार ने 2018 के मूल टेंडर को अनुचित तरीके से रद्द कर दिया, जिसमें उसने ज्यादा बोली लगाई

  • जिससे यह प्रोजेक्ट सेकलिंग टेक्नालॉजीज की जगह अडाणी समूह को मिल गया। कंपनी ने बोली प्रक्रिया को कानूनी चुनौती है

  • आगामी 31 अगस्त को होगी इस मामले की सुनवाई, अडाणी समूह व महाराष्ट्र सरकार ने आरोपों को सिरे से खारिज किया

राज एक्सप्रेस । देश के मशहूर कारोबारी गौतम अडाणी समूह एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में से एक धारावी के विकास पर काम शुरू करने के लिए आगे आए हैं। यह काम उनके लिए इतना आसान नहीं है। उन्हें बहरीन के शाही परिवार से समर्थित कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजीज कॉर्पोरेशन ने इस प्रोजेक्ट को लेकर अदालत में चुनौती दी है। इस प्रोजेक्ट के लिए सेकलिंक टेक्नालॉजीज कारपोरेशन ने भी बोली लगाई थी, लेकिन प्रोजेक्ट उसकी जगह अडाणी समूह को मिल गया। अब सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने बोली प्रक्रिया में गड़बड़ी का हवाला देते हुए अडा़णी समूह को कोर्ट में कानूनी चुनौती है। यह मुद्दा जब से सामने आया है विपक्ष ने इसे राज्य सरकार विरुद्ध मुद्दे के रूप में लपक लिया है।

महाराष्ट्र सरकार ने 2018 के मूल टेंडर को अनुचित तरीके से रद्द किया

बहरीन के शाही परिवार समर्थित सेकलिंक टेक्नोलॉजीज ने आरोप लगाया कि अडाणी समूह को प्रोजेक्ट देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 2018 के मूल टेंडर को अनुचित तरीके से रद्द कर दिया। इसके लिए सेकलिंक ने सबसे अधिक बोली लगाई थी। इसके बाद 2022 में नई शर्तों के साथ प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया, ताकि अडाणी समूह को जीत मिल सके। इस मामले की सुनवाई मुंबई की अदालत में हो रही है। आगामी 31 अगस्त को एक बार फिर सुनवाई होगी। हालांकि, अडाणी समूह और महाराष्ट्र सरकार ने सेकलिंक के आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

चुनाव के समय में विपक्षी दलों को मिला नया मुद्दा

इस विवाद की राजनीतिक हलकों में विशेष रूप से चर्चा है। इस विवाद के रूप में विपक्ष को एक नया हथियार मिल गया है। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में यह विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार पर गौतम अडाणी को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र के साथ देशभर में बड़ा मुद्दा बना सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार गुट की एनसीपी के समर्थन वाली सरकार के लिए इस मसले को शांत करने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

अडाणी ने 5,069 करोड़ में हासिल किया था कॉन्ट्रैक्ट

बीते साल नवंबर में समूह की कंपनी अडाणी प्रॉपर्टीज ने 5,069 करोड़ रुपये की निवेश की पेशकश कर झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था। यह झुग्गी बस्ती 259 हेक्टेयर में फैली है। सेंट्रल मुंबई के ब्रांदा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स के समीप विकसित होने वाली इस परियोजना पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। इसे पूरा करने की समयसीमा 7 साल है। प्रोजेक्ट के तहत धारावी में जो लोग 1 जनवरी 2000 से पहले से रह रहे हैं उन्हें मुफ्त में पक्का मकान बनाकर दिया जाएगा। जबकि, 2000 के बाद बसे लोगों को इस बस्ती में घर पाने के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी।

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